नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। वर्ष 2000 के शुरुआत में रतन टाटा ने पत्रकारों से कहा था कि वह कार खरीदने में असक्षम दोपहिया वाहन इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए एक किफायती चार पहिया वाहन बनाना चाहते हैं। उनका यही विजन टाटा नैनो के रूप में साकार हुआ।
नई दिल्ली, 12 अप्रैल (आईएएनएस)। वर्ष 2000 के शुरुआत में रतन टाटा ने पत्रकारों से कहा था कि वह कार खरीदने में असक्षम दोपहिया वाहन इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए एक किफायती चार पहिया वाहन बनाना चाहते हैं। उनका यही विजन टाटा नैनो के रूप में साकार हुआ।
लेकिन जब नैनो का उत्पादन संयंत्र भूमि अधिग्रहण मुद्दे की वजह से पश्चिम बंगाल के सिंगूर में राजनीतिक दलदल में फंस गया तो इसका उत्पादन रोक देना पड़ा। हालांकि टाटा का लक्ष्य धुंधला नहीं पड़ा। वह सिंगूर से कामकाज समेटकर गुजरात के सांणद चले गए और वहां उत्पादन शुरू हुआ।
टाटा ने एक नई पुस्तक में कहा है, “जिसे चुनौती न मिली हो उसे चुनौती दो। असंभव कार्यो में हमेशा कुछ गुंजाइश रहती है, जिससे आगे चलकर आश्चर्यचकित नतीजे प्राप्त होते हैं।”
सिंगूर की घटना से उन जोखिमों का पता चला, जिनका अप्रत्याशित विरोध की वजह से उद्यमियों को सामना करना पड़ता है। उद्यमियों की दूरदृष्टि की वजह से देश की अर्थव्यवस्था में तेजी आई है और उन्होंने हमारे तनावपूर्ण जीवन को सरल बनाने के लिए समाधान पेश किए हैं।
देश के 20 अग्रणी कॉर्पोरेट उद्यमियों की समृद्ध और प्रेरणादायक यात्राओं को एक साथ एक नई पुस्तक ‘मंत्राज फॉर सक्सेस : इंडियाज ग्रेटेस्ट सीईओ टेल यू हाउ टू विन” में पेश किया गया है। इस पुस्तक में उन उद्यमियों के जीवन का उल्लेख है, जिन्होंने पारिवारिक व्यवसाय अपनाया और जो कारोबार के आधुनिक तरीकों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इस पुस्तक को विज्ञापन जगत की हस्ती सुहेल सेठ ने सनी सेन के साथ मिलकर लिखा है। पुस्तक के प्रत्येक अध्याय में कारोबारियों ने सफलता के अपने मंत्र साझा किए हैं।
पुस्तक में महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आनंद महिंद्रा की सफलता की कहानी भी पेश है, जिनका नाम 2014 में ‘फॉर्च्यून’ पत्रिका के 50 महान अग्रणियों की सूची में शामिल था।
इस तरह पुस्तक में रतन टाटा, आनंद महिंद्रा, किरण मजूमदार शॉ और नीलिमा रोवशेन के जीवन संघर्षो से लेकर सफलता प्राप्त करने तक के सफर पेश किए गए हैं।
सेठ ने इस पुस्तक के विमोचन के अवसर पर आईएएनएस को बताया, “इन 20 लोगों का चुनाव करने का फैसला पूरी तरह मेरा था। मैंने पुस्तक में इन लोगों से जुड़ी बातें पेश करने की कोशिश की है।”
ये कहानियां जीवन में कुछ बड़ा करने का सपना देखने वाले युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करेंगी।