मुंबई/सांगली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के बांद्रा पूर्व (मुंबई) और तासगांव-कवठेमहाकाल (सांगली) विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव के तहत शनिवार को मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अनुमान के मुताबिक, बांद्रा पूर्व में 43 फीसदी, जबकि तासगांव-कवठेमहाकाल में 45 फीसदी मतदान दर्ज किया गया।
शिवसेना के वरिष्ठ नेता एवं ब्रांद्रा पूर्व से विधायक बाला सावंत तथा तासगांव-कवठेमहाकाल के विधायक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के आर.आर. पाटिल का निधन हो जाने के कारण दोनों सीटों पर उपचुनाव कराने की आवश्यकता पड़ी।
चुनाव में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। दोनों ही निर्वाचन क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान संपन्न हुआ।
बांद्रा पूर्व सीट के लिए कांग्रेस ने अपने प्रभावी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को उम्मीदवार बनाया, जिनका मुकाबला शिवसेना की उम्मीदवार, दिवंगत विधायक बाला सावंत की पत्नी तृप्ति सावंत और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के उम्मीदवार राजा रहबर खान से था।
यह सीट शिवसेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पार्टी का मजबूत गढ़ है और यहां पार्टी के संस्थापक-संरक्षक दिवंगत बाल ठाकरे का निवास मातोश्री स्थित है, जहां से वह पार्टी के कार्यो का संचालन भी करते थे।
विधानसभा उपचुनाव में तासगांव-कवठेमहाकाल सीट पर सुमन आर. पाटिल को राज्य की सभी बड़ी पार्टियों का समर्थन मिला, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विद्रोही नेता स्वप्निल पाटिल ने राजनीतिक माहौल गड़बड़ा दिया।
कांग्रेस के पूर्व सांसद नीलेश राणे को बांद्रा में पार्टी समर्थकों के साथ मतदान केंद्रों के निकट घूमने के कारण पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने इसे चुनाव नियमों का उल्लंघन बताया।
उनके पिता व कांग्रेस उम्मीदवार नारायण राणे ने अपने बेटे को कथित तौर पर गलत तरीके से हिरासत में लेने को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना की सरकार पर प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को भयभीत करने के लिए सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का आरोप लगाया।
राणे ने संवाददाताओं से कहा, “मेरे बेटे नीलेश को अवैध रूप से पुलिस ने हिरासत में लिया। चूंकि शिवसेना इस निर्वाचन क्षेत्र में हारने जा रही है, इसलिए राज्य सरकार अपनी शक्ति का दुरुपयोग कर रही है।”
उपचुनाव की मतगणना 15 अप्रैल को होगी।