नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। नीति आयोग के 100 दिन शनिवार को पूरे हो गए। इसके साथ ही सरकार 12वीं योजना (2012-17) का मध्यावधि मूल्यांकन शुरू करेगी, जो उसकी शीर्ष प्राथमिकता है। इसके तहत प्रगति का जायजा लिया जाएगा, ताकि आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने के लिए किसी रणनीति को अंतिम रूप दिया जा सके।
यहां एक बयान में कहा गया, “इस मौके का उपयोग संचालन परिषद की बैठक में जिस राष्ट्रीय विकास एजेंडे पर चर्चा हुई थी, 12वीं पंचवर्षीय योजना 2012-17 के बाकी बचे दो वर्षो में उसके सतत क्रियान्वयन के लिए उस एजेंडे को बुनने में भी किया जा रहा है।”
नीति आयोग ने 100 दिनों के दौरान किए गए कार्यो का जिक्र करते हुए कहा कि नीति आयोग की संचालन परिषद ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब का कारण बनने वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए उचित औद्योगिक तंत्र विकसित करें।
संचालन परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के बाद कृषि विकास और गरीबी उन्मूलन से निपटने के लिए दो कार्यबल गठित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रत्येक राज्य इन विषयों पर कार्यबल गठित करेंगे।
केंद्रीय बजट 2015-16 में नीति आयोग के तहत अटल नवाचार मिशन एआईएम, स्वरोजगार एवं प्रतिभा उपयोग सेतु और एकीकृत राष्ट्रीय कृषि बाजार स्थापित करने की घोषणा की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परिषद के अध्यक्ष और अर्थशास्त्री अरविंद पनगढ़िया उसके उपाध्यक्ष हैं। बिबेक देबरॉय और वी.के. सारस्वत परिषद के पूर्णकालिक सदस्य और नौकरशाह सिंधुश्री खुल्लर मुख्य कार्यकारी हैं।
नीति आयोग द्वारा किए गए अन्य कार्यो में शामिल हैं-
– केंद प्रायोजित योजनाओं को युक्तिसम्मत बनाने पर उप समूह की पहली बैठक नीति आयोग में 27 मार्च, 2015 को आयोजित की गई।
– नीति आयोग पर एक ई-बुक लांच की गई।
– नीति आयोग की प्रथम पहल के रूप में ‘भारत की नवीकरणीय विद्युत कार्ययोजना 2030- त्वरित नवीकरणीय विद्युत व्यवस्थापन की दिशा में’ नामक रपट रिन्यूएबल एनर्जी ग्लोबल इनवेस्टर्स मीट एंड एक्सपो में जारी की गई।