मुंबई/नई दिल्ली, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। गोवा के एक स्टोर में चेंजिंग रूप में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा छिपा कैमरा पकड़े जाने के मामले में गिरफ्तार स्टोर के चारों कर्मचारियों को शनिवार को निचली अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया। इस बीच फैबइंडिया कंपनी ने केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी से माफी मांगी है और गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पार्सेकर ने कैमरा लगाए जाने के पीछे शरारत या गलत मंशा होने से इनकार किया है।
कैंडोलिम स्थित स्टोर के चेंजिंग रूम में कैमरे लगाने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किए गए चारों कर्मचारियों को एक निचली अदालत ने शनिवार को जमानत पर रिहा कर दिया।
फैबइंडिया के चारों कर्मचारियों, करीम लखानी, प्रशांत नाइक, राजू पांचे और पारेश भगत को पांच-पांच हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।
बचाव पक्ष के वकील ने मपुसा के न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी से कहा कि चेंजिंग रूम में कैमरे गलत मंशा से नहीं लगाए गए थे।
चारों फैबइंडिया के जूनियर कर्मचारी थे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद माइकल लोबो की शिकायत पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
चारों कर्मचारियों के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 354सी, 509 और धारा 66ई के तहत मामला दर्ज किया गया है।
फैबइंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों एवं प्रबंध निदेशक विलियम बिसेल से मामले की जांच कर रही अपराध शाखा इसी सप्ताहांत पूछताछ कर सकती है।
फैबइंडिया ओवरसीज प्राइवेट लिमिटेड ने शनिवार को ही एक बयान जारी कर कहा, “अनजाने में हुई असुविधा के लिए हम माननीय मंत्री स्मृति ईरानी से माफी मांगते हैं।”
उसने हालांकि कैंडोलिम के स्टोर में छिपे कैमरे के सवाल पर कहा कि वह कैमरा निगरानी तंत्र का एक हिस्सा है और शोरूम के शॉपिंग एरिया में लगा है।
उसने कहा, “स्टोर में ट्रायल रूम सहित कहीं पर भी छिपा कैमरा नहीं लगा है। जो भी कैमरे हैं, वे पूरी तरह सार्वजनिक एरिया में लगे हैं और इस तरह के निगरानी कैमरे सभी स्टोर्स में लगे होते हैं।”
फैबइंडिया ने इस बात से आश्वस्त किया कि उसके कर्मचारी व स्टोर प्रबंधक जांच में पुलिस का पूरा सहयोग कर रहे हैं, ताकि तर्कसम्मत निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।
पुलिस निरीक्षक (अपराध शाखा) कार्तिक कश्यप ने कहा कि फैबइंडिया के अधिकारी जांच में सहयोग दे रहे हैं, हालांकि उन्होंने जांचकर्ताओं के समक्ष उपस्थित होने के लिए समय मांगा है।
घटना की जांच के लिए कंपनी ने अपनी तरफ से तीन सदस्यीय महिला दल को नियुक्त किया है और आश्वस्त किया है कि अगर किसी व्यक्ति द्वारा किसी तरह का दुर्व्यवहार किया गया है, तो उसे कानून के मुताबिक दंडित किया जाएगा।
बेंगलुरू में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हिस्सा लेने पहुंचे गोवा के मुख्यमंत्री पार्सेकर ने इस घटना पर पत्रकारों से कहा कि कैमरे गलत मंशा से नहीं लगाए गए थे।
उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि कंपनी ने वे कैमरे किसी गलत उद्देश्य से नहीं लगाए थे।”
पार्सेकर ने कहा कि इस घटना के आधार पर देश में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर कोई निर्णय न निकाला जाए।