आईजोल, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल और बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने शनिवार को यहां मिजोरम के 16वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उन्हें इस राज्य का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
आईजोल, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल और बिहार के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने शनिवार को यहां मिजोरम के 16वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उन्हें इस राज्य का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
गुवाहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति माइकल जोथनखुमा ने त्रिपाठी (80) को यहां राजभवन के दरबार हाल में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
मुख्यमंत्री ललथनहावला, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी, विधानसभा अध्यक्ष हिफेई, संसदीय सचिव, विधायक, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शीर्ष अधिकारी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ललमलसावमा ने समारोह का संचालन किया।
इसके पहले कोलकाता से त्रिपाठी के यहां पहुंचने पर लंगपुरी हवाईअड्डे पर ललथनहावला, गृहमंत्री आर. ललजिरलियाना और शीर्ष अधिकारियों ने उनकी अगवानी की।
त्रिपाठी ने अजीज कुरैशी का स्थान लिया है, जिन्हें पिछले सप्ताह बर्खास्त कर दिया गया था। उनका कार्यकाल 2017 में समाप्त होने वाला था।
त्रिपाठी 1956 से 2014 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत कर चुके हैं। इस दौरान वह 1991, 1997 और 2002 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे, लिहाजा इन अवधियों में वह वकालत के पेशे से अलग रहे थे।
कांग्रेस शासित मिजोरम में आठ महीनों में सात राज्यपाल बदल चुके हैं।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 30 दिसंबर को कुरैशी का उत्तराखंड से मिजोरम स्थानांतरण कर दिया था। उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा इस्तीफे का दबाव बनाए जाने के मुद्दे को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी।
कुरैशी का मामला पांच सदस्यीय संविधान पीठ को भेज दिया गया था, क्योंकि इसमें राज्यपालों को हटाए जाने से संबंधित संवैधानिक कानून का एक बुनियादी प्रश्न शामिल था। पीठ का गठन होना अभी बाकी है।
राजनीतिज्ञों, सामाजिक संगठनों, युवाओं और छात्र संगठनों ने मिजोरम में बार-बार राज्यपाल बदलने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है।
छात्र संगठनों की शीर्ष संस्था, मिजो जिरलई पाल एमजेडपी ने शनिवार को राजभवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया और नापसंद राज्यपालों को ठिकाने लगाने के लिए मिजोरम का उपयोग करने का केंद्र सरकार पर आरोप लगाया तथा नारेबाजी की।
छात्र संघ ने कहा कि मंगलवार को केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा तथा नौ-10 अप्रैल को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दौरे के दौरान भी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।