नई दिल्ली, 28 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार में लगातार तीसरे सप्ताह तेजी रहने के बावजूद 27 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करते रहे हैं।
मध्यपूर्व में मौजूदा भूराजनीतिक तनाव और मार्च की वायदा एक्सपायरी से हुए उतार-चढ़ाव के बावजूद एफपीआई भारतीय बाजारों में निवेश करते रहे।
फरवरी महीने में खुदरा महंगाई में मामूली वृद्धि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सात अप्रैल को होने वाली मौद्रिक नीतिगत समीक्षा बैठक में इसके प्रभाव और कंपनियों के जनवरी-मार्च तिमाही के नतीजों जैसे अन्य मुद्दों के बावजूद इस समीक्षाधीन सप्ताह में भारतीय बाजारों में एफपीआई ने शुद्ध खरीदारी की।
जियोजिट बीएनपी पारिबास के फंडामेंटल रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “हम बाजार में ऐसी बातें सुन रहे हैं कि भारत में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के हित कम कम हो गए हैं। लेकिन आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद हम यह समझ पाएंगे कि एफआईआई ने मार्च से मौजूदा समय तक 75 अरब रुपये की शुद्ध खरीदारी की है।”
नायर के मुताबिक, फरवरी और जनवरी की तुलना में एफआईआई निवेश बेहतर रहा है। इन दौरान एफआईआई ने क्रमश: 85 अरब रुपये और 124 अरब (प्राथमिक बाजारों को छोड़कर) की शुद्ध खरीदारी की है।
नायर ने आगे कहा कि मार्च महीने में 24 मार्च तक म्यूचुअल फंड में 19 अरब रुपये की शुद्ध खरीदारी की गई है, जबकि फरवरी और जनवरी में क्रमश: 39 अरब रुपये और 8.8 अरब रुपये की शुद्ध खरीदारी की गई।
नायर के मुताबिक, “मार्च (24 मार्च तक) महीने में घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 27 अरब रुपये की शुद्ध बिकवाली की है। इसलिए, बाजार में मौजूदा बिकवाली घरेलू संस्थानों और खुदरा क्षेत्र द्वारा मुनाफावसूली की वजह से हुई।”
कोटक सिक्युरिटीज के निजी ग्राहक समूह अनुसंधान के प्रमुख, दीपेन शाह ने आईएएनएस को बताया कि भारतीय बाजारों को लेकर एफआईआई का रुख अभी भी सकारात्मक बना हुआ है और देश में सुधारवादी कदमों के बढ़ने के साथ ही उनका बाजार में निवेश बना रहेगा।
नेशनल सिक्युरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 27 मार्च को समाप्त सप्ताह में एफपीआई ने 36.93 करोड़ डॉलर यानी 2,301.1 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।
इस समीक्षाधीन अवधि में विदेशी निवेशकों ने 6.692 करोड़ डॉलर यानी 419.41 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
इससे पहले 20 मार्च को समाप्त सप्ताह में एफपीआई ने 31.246 करोड़ डॉलर यानी 1,952.36 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे, जबकि इस दौरान 18.482 करोड़ डॉलर यानी 1,159.96 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
13 मार्च को समाप्त सप्ताह में एफपीआई ने 51.824 करोड़ डॉलर यानी 3,234.7 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं। इश दौरान उन्होंने 15.269 करोड़ डॉलर यानी 957.61 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं।
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने उपखातों और योग्य विदेशी निवेशकों के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को मिलाकर एक नई निवेशक श्रेणी एफपीआई बनाई है।
आगामी सप्ताह में एफपीआई के समक्ष सबसे बड़ी चिंताओं में एक फरवरी माह में खुदरा महंगाई दर में मामूली वृद्धि है, जिससे अगले महीने आरबीआई की समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं पर पानी फिर सकता है।
आरबीआई सात अप्रैल, 2015 को अपनी पहली द्वैमासिक नीतिगत समीक्षा बैठक करने जा रहा है।
अन्य विश्लेषकों का मानना है कि अगले सप्ताह बैंकों की छुट्टियों और शेयर बाजार बंद रहने की वजह से प्रमुख तकनीकी संकेतक कमजोर नजर आ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि अप्रैल सीरीज में एफआईआई व्यापक स्तर पर निवेश कर सकते हैं।
अगले सप्ताह एफआईआई के लिए मुख्य उत्प्रेरक चौथी तिमाही के कमजोर नतीजों की संभावनाएं हैं।
इस दौरान भारतीय शेयर बाजार लगातार तीसरे सप्ताह स्थिर बने रहे। 27 मार्च को समाप्त साप्ताहिक कारोबारी सत्र में बाजार 802.44 अंक यानी 2.83 प्रतिशत लुढ़का।
27 मार्च को समाप्त सप्ताह में बीएसई सेंसेक्स 27,458.64 पर बंद हुआ, जबकि 20 मार्च को समाप्त पिछले कारोबारी सत्र में सेंसेक्स 28,261.08 अंक पर बंद हुआ।
20 मार्च को समाप्त साप्ताहिक कारोबारी सत्र में 30 शेयरों वाला बीएसई सूचकांक सेंसेक्स में 242.22 अंकों यानी 0.84 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
13 मार्च को समाप्त सप्ताह से भारतीय बाजार में स्थिरता का दौर जारी है। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 945.65 अंक यानी 3.21 प्रतिशत लुढ़क कर बंद हुआ था, जो साल 2015 में इसकी सबसे बड़ी गिरावट रही।