ढाका, 26 मार्च (आईएएनएस)। बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश की आजादी की 44वीं वर्षगांठ के मौके पर गुरुवार को सावर में राष्ट्रीय स्मारक पर बंगमुक्ति युद्ध के दौरान हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
बीडीन्यूज24 के मुताबिक, पूर्वी पाकिस्तान की आजादी के लिए बंगालियों ने पाकिस्तान से लड़ाई लड़ी थी।
अधिकार और न्याय के लिए बंगाली आंदोलन को कुचलने के लिए निर्दोष जनता पर क्रूर और बर्बरता पूर्ण हमला शुरू करते हुए 25 मार्च 1971 को पािकस्तान सेना ने ‘तलाशी अभियान’ छेड़ा था। बंगाली जनता का वही आंदोलन पाकिस्तानी शासकों के नकारने वाले रवैए के बाद आजादी की लड़ाई में तब्दील हो गया था।
नए देश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को उसी रात हिरासत में ले लिया गया। गिरफ्तार होने से पहले उन्होंने आजादी की घोषणा की थी।
हामिद और हसीना ने स्मारक पर पुष्पहार चढ़ाया। मंत्रिमंडल के सदस्यों, न्यायाधीशों, सशस्त्र सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों और महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारी भी इस मौके पर मौजूद थे।
स्वतंत्रता सेनानियों और पाकिस्तानी सेना की हिंसा से उत्पीड़ितों ने इस दिन को ‘अंतर्राष्ट्रीय जनसंहार दिवस’ के रूप में मंजूरी दी जाए।
यह मांग मानव इतिहास की सबसे क्रूर और बर्बर अध्याय के रूप में पूरी दुनिया को अवगत कराने के प्रयास के तहत की गई थी।
बंगमुक्ति युद्ध से जुड़े प्रमुख संगठन एकतोरेर घातक दलाल निर्मूल कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष शहरीअर कबीर ने कहा कि अकेले ढाका जनसंहार में छात्रों, शिक्षकों, चिकित्सकों और बुद्धिजीवियों सहित करीब 50 से 60 हजार लोग मारे गए थे।