वाशिंगटन, 26 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका में 9/11 आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा हालातों पर समीक्षा के लिए बनाए गए आयोग ने बुधवार को जो अपनी रिपोर्ट जारी की है, उसमें 26/11 मुंबई हमले और चार अन्य मामलों का हवाला देते हुए यह निष्कर्ष निकाला गया है कि एफबीआई में सुधार करने की जरूरत है।
वाशिंगटन, 26 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका में 9/11 आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा हालातों पर समीक्षा के लिए बनाए गए आयोग ने बुधवार को जो अपनी रिपोर्ट जारी की है, उसमें 26/11 मुंबई हमले और चार अन्य मामलों का हवाला देते हुए यह निष्कर्ष निकाला गया है कि एफबीआई में सुधार करने की जरूरत है।
कहा गया है कि एफबीआई ने पिछले एक दशक में उल्लेखनीय प्रगति की है, लेकिन इसके बावजूद उसे स्वयं को आतंकवाद के खिलाफ एक चुनौती रूपी खुफिया संस्था में परिवर्तित करने के लिए तेजी से सुधार करने की जरूरत है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 26/11 हमले का मुख्य साजिशकर्ता पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली पहले ही अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारियों की नजर में आ चुका था, लेकिन एफबीआई अधिकारियों ने हेडली को उस समय एक खतरे के संदर्भ में नहीं लिया, जो आगे चलकर एक बड़ी भूल का सबब बना।
एफबीआई 9/11 समीक्षा आयोग द्वारा तैयार की गई यह रिपार्ट बुधवार को जारी की गई, जिसमें पांच प्रमुख आतकंवादी हमलों की एफबीआई जांच का अध्ययन किया गया है।
इस रिपोर्ट के मुख्य लेखक जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में सुरक्षा अध्ययन के प्रोफेसर ब्रूस हॉफमैन, पूर्व अटॉर्नी जनरल एडविन मेस तृतीय, भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत टिमोथी जे. रोमर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2007 में हेडली की पत्नी ने इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास के अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष शिकायत की थी कि उनके पति आतंकवादी है। लेकिन इसके बावजूद 2009 तक हेडली के खिलाफ जांच शुरू नहीं की गई। हालांकि बदा में एफबीआई को हेडली के चरपंथी गुटों के साथ संबंधों का पता चला।
रिपोर्ट में कहा गया, “हेडली प्रकरण से मुख्य सबक यह मिलता है कि आतंकवादी घटनाओं के बीच संबंध को समझने में अमेरिकी खुफिया एजेंसियां नाकाम रही हैं।”
रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि हेडली आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने से पहले वह 1990 और 2000 के शुरुआती दशक में ड्रग प्रवर्तन प्रशासन (डीईए) के लिए मुखबिर का काम कर चुका है।
रिपोर्ट के मुताबिक, “हेडली प्रकरण सभी खुफिया एजेंसियों के समक्ष महत्वपूर्ण सवालों को उठाता है कि किस तरह से इकट्ठा की गई जानकारियों और खुफिया सूचनाओं की जांच पड़ताल व आकलन किया जाए।”
9/11 हमले के एक दशक से भी ज्यादा समय के बाद एफबीआई को महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी के खोने के जोखिम को कम करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी केक साथ अपने विश्लेषणात्मक कैडर को सशक्त करने को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
रिपोर्ट में हेडली को एक चालाक शख्स बताया गया है। हेडली अपनी आतंकवादी गतिविधियों को एक कुशल खुफिया एजेंट की तरह अमेरिका से पाकिस्तान और भारत में बड़ी आसानी से यात्रा के दौरान अंजाम देता रहता था।
शिकागों में राष्ट्रीय सुरक्षा खतों की मदद से एफबीआई को डेविड हेडली का पता लगाने में मदद मिली और अलकायदा के बाहरी संचालन के प्रमुख इलियास कश्मीरी द्वारा संचालित कोपेनहेगन में उसकी भागीदारी को बेहतर तरीके से समझने में भी मदद मिली।
उसके अगले कुछ महीनों में एफबीआई को हेडली और उसके सहयोगी तहव्वुर हुसैन राणा की गिरफ्तारी के वारंट मिल गए थे।
रिपोर्ट के अनुसार एफबीआई के विशेष एजेंटों ने हेडली के देश छोड़ने से पहले उसकी गिरफ्तारी का फैसला किया था।