नई दिल्ली, 26 मार्च (आईएएनएस)। जाट नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को इस समुदाय के लोगों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत सर्वोच्च न्यायालय की तरफ से आरक्षण समाप्त कर दिए जाने के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
एक बयान के मुताबिक, मोदी ने बैठक के दौरान प्रतिनिधिमंडल को इस बात का आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का अध्ययन कर रही है और कानूनी रूपरेखा के तहत इस मुद्दे का समाधान ढूंढने की कोशिश करेगी।
विभिन्न राज्यों के 70 जाट नेताओं ने सर्वोच्च न्यायालय में न्यायालय के 17 मार्च के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर की है। न्यायालय ने अपने फैसले में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की ओर से नौ राज्यों में जाटों को आरक्षण देने से संबंधित जारी अधिसूचना रद्द कर दी थी।
प्रधानमंत्री ने जाट नेताओं से यह भी अपील की कि वे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान को अपने राज्य में लागू करने की अगुवाई करें।
गौरतलब है कि हरियाणा की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार जाटों को नौकरी में आरक्षण देने के समर्थन में खुल कर आगे आई है।