केनबरा, 26 मार्च (आईएएनएस)। आस्ट्रेलिया के पत्रकार पीटर ग्रेस्टे ने गुरुवार को कहा कि वह मिस्र में मुकदमे का सामना कर रहे अल जजीरा के अपने दो साथी पत्रकारों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं।
‘एबीसी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेस्टे को अलजजीरा चैनल में काम करने वाले मिस्र के सहयोगी पत्रकारों मोहम्मद फहमी और बाहेर मोहम्मद के साथ दिसंबर 2013 में मिस्र में गिरफ्तार कर लिया गया था। उन पर प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड की सहायता करने का आरोप है।
पिछले महीने ही राष्ट्रपति के आदेश पर आस्ट्रेलिया के पत्रकार को आजाद कर आस्ट्रेलिया भेज दिया गया था, लेकिन फहमी और मोहम्मद अब भी जेल में हैं और अपना मुकदमा लड़ रहे हैं।
ग्रेस्टे ने कैनबरा में एक राष्ट्रीय संवाददाता क्लब में कहा कि वहां उनके सहयोगियों के लिए उत्साहजनक संकेत थे, लेकिन स्थिति बहुत जटिल है।
ग्रेस्ट ने अपने संबोधन में प्रेस की स्वतंत्रता पर जोर देकर कहा कि उन्हें इस्लामिक स्टेट (आईएस) और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के मौजूदा संकट के बीच पीढ़ी के सबसे बड़े खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, “शायद ही कोई पत्रकार हो, जिसकी काम के दौरान पिटाई नहीं होती, उसे धमकाया नहीं जाता, कैद नहीं किया जाता या हत्या नहीं की जाती हो।”
उन्होंने खुद को जेल से रिहा काराने के लिए आस्ट्रेलिया के राजनीतिज्ञों, विशेष रूप से विदेश मंत्री जूली बिशॉप के द्विपक्षीय समर्थन और कूटनयिक प्रयत्नों को स्वीकार किया।