वाशिंगटन, 24 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एल-1बी वीजा श्रेणी में सुधार की योजना की घोषणा की है, ताकि वैश्विक कंपनियां अपने कर्मचारियों को अमेरिका में अस्थायी रूप से आसानी से ला सकें।
वाशिंगटन, 24 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एल-1बी वीजा श्रेणी में सुधार की योजना की घोषणा की है, ताकि वैश्विक कंपनियां अपने कर्मचारियों को अमेरिका में अस्थायी रूप से आसानी से ला सकें।
ओबामा ने यहां आयोजित दूसरे ‘सिलेक्ट यूएसए निवेश शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा, “कारोबार के लिहाज से अमेरिका के दरवाजे सबके लिए खुले हैं। इससे हजारों गैर-आप्रवासी श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं को लाभ हो सकता है, जिससे हमारी पूरी अर्थव्यवस्था को लाभ होगा और अतिरिक्त निवेश आएगा।”
ओबामा ने कहा, “तो असल बात यह है कि अमेरिका व्यापार के लिए खुला हुआ है, और हम इसे आपके लिए यहां दुकान खोलने जितना सरल और आकर्षक बनाना चाहते हैं। यह शिखर सम्मेलन इसी के बारे में है।”
उन्होंने कहा, “सच यही है कि हमारे लिए मिलकर कारोबार करने का इससे बेहतर और रोमांचक समय कभी नहीं रहा। जो कंपनियां अमेरिका में निवेश करती हैं, उनकी विश्व के सबसे बड़े बाजार तक पहुंच है। यह एक ऐसा बाजार है, जो मजबूत, स्थाई और लगातार बढ़ रहा है।”
इस शिखर सम्मेलन में भारत सहित 70 से अधिक देशों की 1,300 कंपनियां और 2,600 से अधिक लोगों के साथ अमेरिका के 500 से अधिक आर्थिक विकास अधिकारी भी हिस्सा ले रहे हैं। इस सम्मेलन की शुरुआत 2011 में हुई थी।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने ‘सिलेक्ट यूएसए’ के साथ मिलकर सोमवार को शिखर सम्मेलन में ‘यूएस बिजनेस एंड इन्वेस्टमेंट क्लाइमेट रिपोर्ट’ जारी की।
यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, यह रपट सिर्फ भारतीय कंपनियों के लिए ही नहीं, बल्कि अमेरिका में अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए सभी कंपनियों के लिए एक संदर्भ निर्देशिका के रूप में तैयार की गई है।
रपट में प्रत्येक देश के बारे में अमेरिका के विचारों व दृष्किोण को पेश किया गया है। इसमें सभी 50 अमेरिकी राज्यों और अमेरिकी केंद्रशासित प्रदेशों में कारोबार के लिहाज से ‘निवेश करने के शीर्ष 10 कारणों’ को भी इंगित किया गया है।
रपट पर अपना मत रखते हुए सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “अमेरिका के बीच भारत व्यापार और व्यावसायिक संबंध लगातार बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।”
सीआईआई ने खुद के अध्ययन में पायया है कि भारतीय कंपनियों ने अमेरिका में कई क्षेत्रों में निवेश किया है, जिसमें प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, फार्मास्युटिकल्स और जीव विज्ञान, लौह एवं इस्पात, खनन, ऊर्जा, विनिर्माण, वित्तीय सेवाएं आदि शामिल है।
‘सिलेक्ट यूएसए’ के कार्यकारी निदेशक विनय तुमालापल्ली ने कहा, “भारत के लिए भी यह समय काफी रोमांचक है। नई सरकार के सत्ता में आने से भारतीयों के लिए कारोबार करना अब पहले की तुलना में अधिक सरल हुआ है।”