कोलकाता, 23 मार्च (आईएएनएस)। आने वाले समय में शतरंज भी क्रिकेट के टी-20 के तर्ज पर आक्रामक और रोमांचक होने वाला है, क्योंकि शतरंज के ट्वेंटी-20 प्रारूप की खोज हो चुकी है।
शतरंज के ट्वेंटी-20 प्रारूप में पारंपरिक 64 खानों के बिसात की जगह 100 (10 गुणा 10) खानों वाली बिसात होगी तथा इसमें एक नया मोहरा ‘डायनमो’ शामिल होगा। डायनमो में घोड़ा और ऊंट दोनों मोहरों की विशेषता होगी।
भारतीय ग्रैंड मास्टर दिब्येंदु बरुआ ने शतरंज के इस नए प्रारूप का आविष्कार किया है और उसे ट्वेंटी-20 नाम इसलिए दिया है, क्योंकि इसमें दोनों तरफ 20-20 मोहरें होती हैं।
शतरंज के अन्य सभी पूर्व नियमों को उसी तरह रखा गया है, हालांकि इसमें प्यादों के लिए पहली चाल में दो की जगह तीन खाने तक बढ़ने का नियम रखा गया है।
बरुआ ने ग्रैंड मास्टर दीप सेनगुप्ता, सूर्य शेखर गांगुली, सप्तर्षि रॉय चौधरी एवं कुछ अन्य शतरंज के दिग्गजों के बीच खेल के नए प्रारूप का अनावरण किया।
बरुआ ने शतरंज के ट्वेंटी-20 प्रारूप को लांच करते हुए कहा, “इस प्रारूप में हमें डायनमों के रूप में एक नया मोहरा मिलेगा तथा हमने दो प्यादों को भी बढ़ा दिया है जिससे दोनों तरफ 20-20 मोहरें हो जाती हैं। वैसे तो शतरंज के कई रूप हैं, लेकिन यह अपनी तरह का अनोखा प्रारूप है।”
बरुआ ने कहा, “डायनमो के पास घोड़े और ऊंट दोनों मोहरों की विशेषता होगी और इस तरह डायनमों के सात अंक होंगे, जो इसे बिसात पर तीसरा सबसे शक्तिशाली मोहरा बनाता है।”
शतरंज के इस नए प्रारूप को वह कैसे सफल बनाएंगे, पूछने पर बरुआ ने कहा, “हमारे पास इस खेल को अपनाने के लिए उत्साही खिलाड़ी हैं तथा हम कुछ समय में इसके लिए आधिकारिक अनुमति लेने के लिए आवेदन करेंगे तथा इसे खिलाड़ियों के अनुकूल बनाने के लिए काफी अनुसंधान करना होगा।”
सूर्य शेखर ने नई बिसात पर सेनगुप्ता के साथ दो-दो हाथ खेलने की कोशिश की और कहा कि ट्वेंटी-20 प्रारूप की खोज के साथ ही शतरंज पहले से अधिक रणनीति वाला खेल हो जाएगा।