न्यूयार्क, 23 मार्च (आईएएनएस)। पूरी दुनिया में सोशल नेटवर्किं ग के क्षेत्र में बेहद लोकप्रिय हो चुके ट्विटर के कार्यालय में क्या महिलाओं के प्रति भेदभाव का रवैया है? ट्विटर की एक पूर्व कर्मचारी का दावा है कि हां ऐसा है।
टिना हुआंग के लिंकेडिन प्रोफाइल के अनुसार वह अक्टूबर 2009 से जून 2014 के बीच ट्विटर के लिए काम कर चुकी हैं।
हुआंग ने ट्विटर के खिलाफ कैलिफोर्निया की प्रांतीय अदालत में लैंगिक भेदभाव का मुकदमा दर्ज करवाया है।
हुआंग का आरोप है कि ट्विटर में गैरकानूनी तरीके से पुरुषों के पक्ष में तैयार की गई एकपक्षीय प्रोन्नति नीतियों के कारण महिला कर्मचारियों को प्रोन्नति के अवसर नहीं दिए जाते।
वेबसाइट ‘कोर्टहाउसन्यूज डॉट कॉम’ पर प्रसारित रपट में हुआंग के शिकायतनामा के हवाले से कहा गया, “कंपनी (ट्विटर) में प्रोन्नति की प्रणाली ऐसी है जो महिलाओं की तरक्की में बाधक है, जिसे किसी भी व्यावसायिक उद्देश्य के तहत तर्कसंगत नहीं ठहराया जा सकता।”
हुआंग ने अपनी शिकायत में कहा है कि कई वर्षो तक कंपनी के साथ काम करने के बाद सहकर्मियों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा उनके काम को उत्कृष्ट मानने के बावजूद उन्हें 2013 में प्रोन्नति नहीं दी गई। इतना ही नहीं हुआंग की उनके कार्यकाल के दौरान न तो किसी तरह की अलोचना हुई थी और न ही उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक मामला ही था।
हुआंग के मुकदमे के जवाब में ट्विटर के प्रवक्ता ने ‘टेकक्रंच’ को दिए अपने वक्तव्य में कहा है, “हुआंग ने स्वेच्छा से नौकरी छोड़ी, जबकि हमारे शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें बने रहने के लिए मनाने की कोशिश भी की।”
उन्होंने कहा, “उन्हें नौकरी से निकाला नहीं गया। ट्विटर विविधतापूर्ण एवं समन्वयकारी काम का माहौल निर्मित करने के प्रति कटिबद्ध है, और मुझे पूरा विश्वास है कि तथ्य इसे साबित करेंगे कि हुआंग के साथ उचित व्यवहार किया गया।”