वाशिंगटन, 21 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा आयोजित पांचवा व्हाइट हाउस विज्ञान मेला सोमवार को शुरू होने जा रहा है, जिसमें 100 विद्यार्थी अपने आविष्कारों और विज्ञान परियोजनाओं को पेश करेंगे, जिसमें कई भारतीय मूल के अमेरिकी बच्चे शामिल हैं।
वाशिंगटन, 21 मार्च (आईएएनएस)। राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा आयोजित पांचवा व्हाइट हाउस विज्ञान मेला सोमवार को शुरू होने जा रहा है, जिसमें 100 विद्यार्थी अपने आविष्कारों और विज्ञान परियोजनाओं को पेश करेंगे, जिसमें कई भारतीय मूल के अमेरिकी बच्चे शामिल हैं।
विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और विज्ञान विषयों में अपनी उपलब्धि का जश्न मनाते हुए इस वर्ष बच्चों द्वारा निर्मित, विकसित और डिजाइन की गई वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई जाएगी, जिसमें पुरस्कृत हो चुके पेटेंट युक्त रॉकेट और रोबोट शामिल होंगे।
व्हाइट हाउस में अपने आविष्कार, खोज और विज्ञान परियोजना को प्रदर्शित करने वाले भारतीयों में त्रिशा प्रभु, साहिल दोषी, निखिल बिहारी, रुचि पांड्या और अनविता गुप्ता शामिल हैं।
इलिनोइस के नैपरविले की त्रिशा ने अपने शोध में पाया है कि व्यक्ति के 25 साल पूरा करने से पहले उसके मस्तिष्क में निर्णय लेने वाला क्षेत्र पूरी तरह विकसित नहीं होता और इससे उसे किशोरों को इस मामले में मदद करने की प्रेरणा मिली कि वे दूसरों के साथ किस तरह आचरण करें।
उसने एक कंप्यूटर प्रोगाम ‘रिथिंक’ विकसित किया, जो भेजे जा रहे संदेश में अपशब्द और तकलीफ पहुंचाने वाली भाषा के प्रति अलर्ट कर देता है।
साहिल (14) पीट्सबर्ग के रहने वाले हैं। उनका काम वैश्विक ऊर्जा संकट और विश्वभर में बिजली संकट से प्रेरित है, उन्होंने कार्बन डाइऑक्साइड से चलने वाली बैटरी पोलुसेल बनाई है। पोलुसेल कार्बन डाइऑक्साइड और अपशिष्ट पदार्थो की शक्ति का दोहन करते हुए बिजली उत्पन्न करता है।
सेवीक्ली निवासी निखिल (14) ने खुदरा बाजारों में डेटा की चोरी के बारे में सुनने के बाद इसकी सुरक्षा प्रणाली विकसित करने का फैसला किया, जो कि इस्तेमाल में आसान है।
कैलिफोर्निया के सैन जोश निवासी रुचि पांड्या ने नैनो टेक्नोलॉजी, जीव विज्ञान और इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री की मदद से ऐसी प्रणाली विकसित की है जिससे विशिष्ट कार्डियक बायोमार्कर की जांच के लिए सिर्फ थोड़े जैवीय नमूने की जरूरत होगी।
पांचवी प्रतिभागी अनविता स्कॉट्सडेल की रहने वाली हैं। इनका आविष्कार कैंसर, ट्यूबरकुलोसिस और इबोला बीमारी की रोकथाम से संबंधित है।