न्यूयॉर्क, 21 मार्च (आईएएनएस)। एक सीनेटर द्वारा हिदू धर्म की भर्त्सना करने के मामले में इदाहो राज्य के कैथोलिक चर्च ने कहा है कि राज्य के एक सीनेटर द्वारा हिंदुत्व की भर्त्सना करना, चर्च की शिक्षाओं और पोप फ्रांसिस द्वारा अंतर-धार्मिक संवाद को समर्थन दिए जाने के विपरीत है।
गौरतलब है कि युनिवर्सल सोसाइटी ऑफ हिंदुइज्म के अध्यक्ष राजन जेड ने कहा कि तीन मार्च को बोइज में राज्य सीनेट के सत्रारंभ के लिए आयोजित प्रार्थना का सीनेटर शेरिल नुक्सोल ने बहिष्कार कर दिया और कहा था कि अमेरिका एक ईसाई देश है और हिंदू झूठे देवताओं वाला झूठा धर्म है।
संपर्क निदेशक माइकल ब्राउन द्वारा शुक्रवार उपलब्ध कराए गए बोइज डायोसिस के एक बयान में बिशप पीटर क्रिस्टनसन ने कहा है कि शेरिल के विचार रोमन कैथोलिक चर्च (बोइज) की शिक्षाओं और मतों का प्रतिनिधित्व नहीं करते न ही उनके विचार हमारे पवित्र फादर पोप फ्रांसिस की शिक्षाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो सार्वभौमिक और अंतर-धार्मिक संवाद के मुखर समर्थक हैं।
बयान में कहा गया है कि सीनेटर नुक्सोल की टिप्पणियां उनका निजी विचार हो सकता है।
कैथोलिक नुक्सोल, जेड की प्रार्थना का बहिष्कार करने वाले तीन रिपब्लिकन सीनेटरों में से एक थीं। हालांकि, सीनेट में रिपब्लिकन अध्यक्ष प्रो-टिम, ब्रेंट हिल ने जेड को अतिथि पादरी बनने के लिए आमंत्रित किया। जेड की प्रार्थना गैर सांप्रदायिक थी। हिल ने कहा, “इसमें ईश्वर की सर्वोच्चता की बात शामिल है।”
सीनेट की प्रार्थना के बाद जेड बोइजी कैथोलिक डायोसिस के पादरी जनरल फॉर क्लेर्जी मोनसिंगनोर जोसेफ ए. डी सिल्वा और चांसलर मार्सेला विल्स्क से मिले थे। जेड ने बताया कि उन्होंने कई अंतरधार्मिक मुद्दों पर बातचीत की।
यहूदी और अन्य धार्मिक नेताओं ने नुक्सोल से अपनी टिप्पणी पर माफी की मांग की है।
पिछले सप्ताह 28 क्लेर्जी सदस्यों और अन्य लोगों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र में कहा गया था, “एक सार्वजनिक अधिकारी होने के नाते नुक्सोल से सभी नागरिकों के प्रतिनिधित्व की उम्मीद थी। सुश्री नुक्सोल द्वारा बेवजह एक बड़े धर्म को गलत कहना बहुत ही अनुचित और असंवेदनशील है, क्योंकि अमेरिका में 30 लाख हिंदू हैं, जिनमें से कई सारे इदाहो में रहते हैं।”
‘स्पोक्समैन-रीव्यू’ समाचारपत्र के मुताबिक, यह पत्र भेजे जाने से पहले नुक्सोल ने माफी मांगने से इंकार करते हुए कहा था, “मैंने कहा कि यह झूठे देवताओं वाला धर्म है। मैं कोई माफी नहीं मांगने वाली।”
समाचापत्र के मुताबिक, नुक्सोल ने कहा था, “मुझे लगा मुझे बचना पड़ेगा। मैं मदर टेरेसा की तरह यकीन रखने वाली हूं कि हर किसी को अपना सर्वश्रेष्ठ करना चाहिए।”
उन्होंने फिर कहा, “अमेरिका का संविधान यहूदी-ईसाई सिद्धांतों पर अधारित है। मैं संविधान का पालन करने को बाध्य हूं।”
नुक्सोल ने कहा, “यह ईसाई सिद्धांतों पर बना ईसाई राष्ट्र है।”
गौरतलब है कि अमेरिका का संविधान धर्मनिरपेक्ष है और इसमें किसी आधिकारिक धर्म की स्थापना वर्जित है।