रायपुर, 19 मार्च (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में बुधवार की देर रात एक दो मंजिला मकान में आग लगने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। घटना के वक्त घर में 13 लोग मौजूद थे, आग फैलने पर ग्राउंड फ्लोर में सोए लोग बाहर निकल आए लेकिन पहले माले के एक कमरे में अपनी पत्नी और बच्चों संग सोए ललित बाहर नहीं निकल सके और उनकी मौत हो गई।
रायपुर, 19 मार्च (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में बुधवार की देर रात एक दो मंजिला मकान में आग लगने से एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई। घटना के वक्त घर में 13 लोग मौजूद थे, आग फैलने पर ग्राउंड फ्लोर में सोए लोग बाहर निकल आए लेकिन पहले माले के एक कमरे में अपनी पत्नी और बच्चों संग सोए ललित बाहर नहीं निकल सके और उनकी मौत हो गई।
घटना में दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं उन्हें इलाज के लिए रायपुर लाया गया है जबकि चार अन्य लोगों का महासमुंद जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
रायपुर से जांच के लिए गए फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि आग पहले ऊपर के माले में लगी। वहां से तेजी से फैलते हुए नीचे तक पहुंची। इस बीच पड़ोसियों ने आग लगी देख फायर ब्रिगेड को फोन किया और अपने स्तर पर बचाव कार्य में जुट गए। घर गली के अंदर होने की वजह से फायर ब्रिगेड की गाड़ी को वहां तक पहुंचने में काफी वक्त लग गया।
चंद्राकर परिवार का महासमुंद के बरौडा चौक में इलेक्ट्रॉनिक्स का शो रूम है। गर्मी के मौसम को देखते हुए शोरूम के लिए एसी, कूलर और फ्रिज मंगाए गए थे। शोरूम में जगह नहीं होने की वजह से 45 एसी, 120 फ्रिज और 200 कूलर घर में रखवाए गए थे। बुधवार को शॉर्ट स*++++++++++++++++++++++++++++र्*ट के बाद एसी और फ्रिज की गैस की वजह से घर में बेहद तेजी से आग फैल गई। जब तक घरवाले जागे तब तक आग पूरे घर में फैल चुकी थी।
घटना में ललित चंद्राकर, उनकी पत्नी शैली चंद्राकर, 9 साल का बेटा ईशु और 7 साल की इशिका की मौत हो गई। चारों का अंतिम संस्कार महासमुंद में किया गया। ललित के बड़े भाई भरत चंद्राकर और उनकी पत्नी ममता को इलाज के लिए रायपुर रिफर किया गया है। ललित के एक और भाई गोपाल, उनकी पत्नी और दो बच्चों का इलाज महासमुंद के जिला अस्पताल में चल रहा है।
ललित के बड़े भाई भरत को देर रात इलाज के लिए रायपुर लाया गया था। गुरुवार की सुबह होश में आने पर वे अपने भाई और बच्चों के बारे में पूछने लगे। जब किसी से संतोषप्रद जवाब नहीं मिला तो भरत मौका पाकर अस्पताल से भाग निकले और महासमुंद पहुंच गए। वे रो-रोकर अपने भाई के बारे में पूछ रहे हैं।
मकान की पहली मंजिल पर ललित के बाजू वाले कमरे में उसका 30 साल का भतीजा लोकेश सो रहा था। आग की लपटों की वजह से अचानक उसकी नींद खुली। उसने दरवाजे से निकलने की कोशिश की लेकिन आग बहुत ज्यादा फैल चुका था। इसके बाद उसने कमरे की खिड़की का रॉड जैसे-तैसे तोड़ा और बाहर निकल पाया।