नई दिल्ली, 17 मार्च (आईएएनएस)। मौजूदा चीनी सत्र में चीनी मिलों ने 15 मार्च तक 221.8 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। यह जानकारी भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने मंगलवार को एक बयान जारी कर दी।
यह एक साल पहले की समान अवधि में हुए 193.8 लाख टन उत्पादन से 28 लाख टन अधिक है। इस्मा हर दूसरे सप्ताह चीनी उत्पादन के आंकड़े जारी करती है।
देश में चीनी सत्र अक्टूबर से अगले साल सितंबर तक रहता है।
इस्मा के महानिदेशक अबिनाश वर्मा ने कहा, “15 मार्च, 2015 तक 476 चीनी मिलें काम कर रही थीं, जबकि एक साल पहले समान अवधि में यह संख्या 409 थी। देश में 43 चीनी मिलों ने संचालन बंद कर दिया है, इनमें से 17 उत्तर प्रदेश में, सात महाराष्ट्र में और 11 आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना में हैं।”
सरकार ने चीनी उत्पादन का अनुमान 250 लाख टन से बढ़ाकर 265 लाख टन कर दिया है।
वर्मा ने बताया, “सरकार ने 14 लाख टन अधिक उत्पादन का अनुमान रखा था, इसलिए 14 लाख टन कच्ची चीनी के निर्यात की अनुमति दी गई थी। लेकिन ब्राजील की मुद्रा का डॉलर के मुकाबले अवमूल्यन होने से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ब्राजील की चीनी का दाम कम हो गया और इससे अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमत समग्र तौर पर घट गई। इसके कारण भारतीय चीनी का निर्यात प्रभावित हो गया।”
चीनी उत्पादन 15 लाख टन बढ़ने और निर्यात घटने के कारण उद्योग ने सरकार से 20 लाख टन का भंडार बनाने का अनुरोध किया है।