पणजी, 17 मार्च (आईएएनएस)। गोवा में 25 मार्च को मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर द्वारा पेश किए जाने वाले पहले बजट में ‘मेक इन इंडिया’ की सोच और रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया जाएगा।
पणजी, 17 मार्च (आईएएनएस)। गोवा में 25 मार्च को मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर द्वारा पेश किए जाने वाले पहले बजट में ‘मेक इन इंडिया’ की सोच और रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया जाएगा।
पारसेकर ने आईएएनएस से कहा, “बजट में मुख्य जोर रोजगार सृजन पर रहेगा।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, “निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मेक इन इंडिया कार्यक्रम हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत गठबंधन सरकार पर अब तक रोजगार सृजन का वादा पूरा नहीं कर पाने का आरोप लगता रहा है।
2012 में सत्ता में आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने 50 हजार रोजगार का सृजन करने और 25 हजार करोड़ रुपये (चार अरब डॉलर) का निवेश लाने का वादा किया था। तीन साल बाद पर्रिकर को देश का रक्षा मंत्री बना दिया गया और उनके बाद मुख्यमंत्री बनने वाले पारसेकर ने कहा कि वादा पूरा करना कठिन है।
पासरेकर ने हाल में आईएएनएस से कहा, “हम रोजगार सृजन की दिशा में काम कर रहे हैं। लेकिन पर्रिकर के वादे के मुताबिक 2017 तक 50 हजार रोजगार का सृजन करना संभव नहीं है। समय काफी कम है। लेकिन 2017 में फिर से पांच साल के लिए सत्ता में आने के बाद हम इस वादे को पूरा करने का वादा करते हैं।”
उद्योग मंत्री महादेव नायक ने भी वादे का पूरा होना असंभव बताया।
मुख्यमंत्री को यह भी चिंता है कि कम जन्म दर वाले राज्य गोवा में सिर्फ बूढ़े ही बचे रह जाएंगे और सक्षम युवा नौकरी की तलाश में बाहर चले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बेरोजगार युवाओं से अनुरोध किया कि वे नौकरी के लिए सरकार को एकमात्र नियोक्ता मानना बंद करें। राज्य में हर 25 नागरिक पर एक अधिकारी है और यह देश में अधिकारी और आम नागरिकों के सर्वाधिक अनुपात वाला राज्य है।
पासरेकर ने कहा, “सरकार संतृप्त है। जरूरत से ज्यादा संतृप्त है। युवाओं को रोजगार के लिए दूसरी ओर देखना होगा। इसलिए हम कौशल विकास पर ध्यान दे रहे हैं, ताकि विशेष नौकरियों के लिए विशेष कौशल का विकास हो सके।”