कोलकाता, 17 मार्च (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल सरकार के उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के दो फैसलों पर सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। राज्य के एक मंत्री ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
राज्य के उपभोक्ता मामलों के मंत्री साधन पांडे ने कहा कि राज्य के उच्च न्यायालय ने उपभोक्ता संरक्षण प्रकोष्ठ के दो फैसलों में हस्तक्षेप किया है, जो न्यायालय के अधिकार क्षेत्र के बाहर है।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, “उपभोक्ता अदालतों के फैसलों में उच्च न्यायालय दखलंदाजी नहीं कर सकता। हालांकि दो ऐसे मामले हैं, जिनमें उपभोक्ता संरक्षण विभाग के न्यायाधीशों को उच्च न्यायालय ने बुलाया। हम जल्द ही सर्वोच्च न्यायालय जा रहे हैं।”
मंत्री ने कहा कि जब उपभोक्ता अधिकार अदालतों के फैसलों और मामलों में राज्य की अदालतें हस्तक्षेप कर सकती हैं, तो फिर इसका औचित्य ही क्या है।
उन्होंने कहा कि बीते डेढ़ महीनों में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हावड़ा तथा दक्षिण 24 परगना जिले की उपभोक्ता अदालत में दाखिल दो मामलों के फैसलों में दखलंदाजी की।
पांडे ने तर्क दिया, “उपभोक्ता अधिकार से संबंधित मामले में फैसला अगर उच्च न्यायालय देता है, तो फिर उपभोक्ता अदालत की जरूरत ही नहीं है।”