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सस्ते ईंधन के कारण थोक महंगाई दर घटी (राउंडअप)

नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)। देश की थोक महंगाई दर फरवरी 2015 में घट कर नकारात्मक 2.06 प्रतिशत दर्ज की गई, जो जनवरी 2015 में नकारात्मक 0.39 प्रतिशत थी। महंगाई में इस गिरावट में प्रमुख योगदान ईंधन और बिजली सूचकांक का रहा, जिसकी महंगाई दर नकारात्मक 14.72 फीसदी रही।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी थोक महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़ों के मुताबिक, प्राथमिक वस्तुओं की महंगाई दर मामूली बढ़ कर 1.43 प्रतिशत रही है, जबकि विनिर्मित वस्तुओं की महंगाई दर 0.33 प्रतिशत रही।

आलोच्य अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित देश की खुदरा महंगाई दर भी घटकर 5.37 प्रतिशत दर्ज की गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 7.88 प्रतिशत थी। जनवरी 2015 में उपभोक्ता महंगाई दर 5.19 प्रतिशत थी।

तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) की कीमत में 8.86 प्रतिशत गिरावट रही। इस दौरान पेट्रोल 21.35 प्रतिशत सस्ता हुआ और डीजल 16.62 प्रतिशत सस्ता हुआ। इस समीक्षाधीन माह में खाद्य महंगाई दर 7.74 प्रतिशत रही, जबकि जनवरी 2015 में यह 8.00 प्रतिशत रही थी।

समीक्षाधीन माह में प्रमुख खाद्य वस्तुओं जैसे गेहूं, चावल, अनाज, सब्जी, आलू, फल और दूध की कीमतों में गिरावट आई है।

आकंड़ों के मुताबिक, गेंहू की कीमत में 2.40 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि जनवरी 2015 में इसमें 1.63 प्रतिशत गिरावट थी। इस दौरान चावल के मूल्य में 3.80 प्रतिशत वृद्धि हुई। जनवरी में चावल की कीमत में 4.00 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।

फरवरी 2015 में अनाज 1.39 प्रतिशत महंगा हुआ, जो जनवरी में 1.65 प्रतिशत महंगा हुआ था। समीक्षाधीन अवधि में सब्जियां 15.54 प्रतिशत महंगी हुईं, जबकि जनवरी में सब्जियों की महंगाई दर 19.74 प्रतिशत थी।

आलू 3.56 प्रतिशत सस्ता हुआ, जो जनवरी में 2.11 प्रतिशत महंगा हुआ था। दूध की कीमतों में 7.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई, जबकि जनवरी 2015 में इसमें 9.3 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।

फरवरी में प्याज की कीमतों में 26.58 प्रतिशत वृद्धि हुई है, जबकि जनवरी में इसमें 1.90 प्रतिशत कमी आई थी। अंडा, मछली और मांस 1.27 प्रतिशत महंगे हुए हैं। जनवरी 2015 में ये 1.51 प्रतिशत सस्ते हुए थे।

उद्योग जगत ने महंगाई दर में चार महीने से चल रही नकारात्मक वृद्धि को अनुमान के मुताबिक बताया।

भारतीय उद्योग परिसंघ के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में गिरावट से पता चलता है मांग काफी कम है और इसमें तेजी आनी अभी बाकी है।”

बनर्जी ने कहा, “परिसंघ को उम्मीद है कि आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में विकास को संबल दिया जाएगा। परिसंघ को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में पूरे वर्ष के दौरान 100 आधार अंकों की कटौती करेगा।”

रिजर्व बैंक की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा सात अप्रैल को होगी।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने कहा कि वैश्विक कमोडिटी मूल्य कम रहने का देश के महंगाई दर में गिरावट पर अनुकूल असर पड़ा है।

फिक्की के महासचिव ए. दीदार सिंह ने कहा, “सरकार और रिजर्व बैंक को वाणिज्यिक बैंकों से बात कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नीतिगत दरें घटाए जाने के बाद बैंक भी अपनी ब्याज दरें घटाएं।”

सिंह ने कहा कि बेमौसमी बारिश के कारण सब्जियों, फलों और दालों की महंगाई दर दहाई अंकों में रही।

एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में प्राण फूंकना जरूरी है और अब सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) विस्तार, औद्योगिक विकास, उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने और निवेशक माहौल बेहतर करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

एसोचैम के अध्यक्ष राणा कपूर ने कहा, “चैंबर का मानना है कि ताजा डब्ल्यूपीआई आंकड़े से खास तौर से विनिर्माण क्षेत्र के प्रति चिंता पैदा होती है और नीति निर्माताओं को इस क्षेत्र में मांग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

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