काठमांडू, 16 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय अवसंरचना कंपनी आईएलएंडएफएस ने सोमवार को नेपाल की सरकार के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत कंपनी नेपाल की एक प्रमुख सड़क के लिए विस्तृत परियोजना रपट (डीपीआर) तैयार करेगी।
एमओयू पर हस्ताक्षर आईएलएंडएफएस के कार्यकारी निदेशक मुकुंद सप्रे और नेपाल के भौतिकी योजना, कार्य और परिवहन प्रबंधन मंत्रालय के संयुक्त सचिव सत्येंद्र साक्य ने किए। साक्य इस परियोजना के प्रबंधक भी हैं।
काठमांडू-तराई फास्ट ट्रैक सड़क निजगढ़ और बारा को काठमांडू से जोड़ेगी। यह सड़क भारत से काठमांडू पहुंचने का सबसे छोटा मार्ग भी होगा।
हस्ताक्षर समारोह के बाद मंत्रालय के सचिव तुलसी प्रसाद सितुआला ने कहा कि डीपीआर चार महीने में पूरा हो सकती है। 76.2 किलोमीटर लंबी इस सड़क को बनाओ, चलाओ, धारण करो और स्थांतरित करो (बीओओटी) मॉडल पर बनाया जाएगा।
परियोजना 62 अरब रुपये (100 अरब नेपाली रुपये) की है। एमओयू के मुताबिक डीपीआर बनाने वाली कंपनी की ही सड़क निर्माण की जिम्मेदारी होगी।
सितुआला ने कहा, “आईएलएंडएफएस यदि सड़क नहीं बनाने का फैसला करेगी, तो सरकार उसे सिर्फ डीपीआर निर्माण के लिए भुगतान कर देगी।”
भौतिक अवसंरचना मंत्री बिमलेंद्र निधि ने कहा कि डीपीआर को देखने के बाद ही नेपाल सरकार यह तय करेगी कि इस परियोजना में निवेश किया जाए या नहीं।