सिलचर (असम), 16 मार्च (आईएएनएस)। रेलवे को उम्मीद है कि 2020 तक वह पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों की राजधानियों तक पहुंच जाएगी।
एनएफआर के महाप्रबंधक (निर्माण) राकेश कुमार सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा, “हम 2020 तक पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों की राजधानियों को रेल नेटवर्क से जोड़ लेंगे।”
उन्होंने बताया, “मिजोरम की राजधानी आईजोल 2018 तक और मणिपुर की राजधानी इंफाल 2019 तक नेटवर्क से जुड़ जाएगी। शेष राजधानियों को 2020 तक नेटवर्क से जोड़ लिया जाएगा।”
त्रिपुरा की राजधानी अगरतला को सिलचर से अगरतला तक मीटर गेज के द्वारा नेटवर्क से पहले ही जोड़ा जा चुका है।
अधिकारी ने कहा कि रेल मार्ग 2008 में अगरतला पहुंचा था। पूर्वोत्तर क्षेत्र में अभी मीटर और ब्रॉड गेज दोनों ही में कुल 2,700 किलोमीटर रेलमार्ग उपलब्ध है।
सिंह एनएफआर के एक 45 सदस्यीय दल के साथ रविवार दोपहर गुवाहाटी से सिलचर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। वह प्रथम नौ-बोगियों वाली परीक्षण रेलगाड़ी से पहुंचे थे।
शुक्रवार को दल ने कहा था कि लुमडिंग से सिलचर तक ब्रॉडगेज में बदले गए मार्ग पर डीजल इंजन का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। आवश्यक मंजूरियों के बाद इस मार्ग पर सेवा अप्रैल से शुरू हो सकती है।
महाप्रबंधक ने कहा कि सिलचर से अगरतला तक मीटर गेज को अगले साल मार्च तक ब्रॉडगेज में बदल दिया जाएगा।
सिंह ने कहा कि 31 मार्च 2020 तक रेल मार्ग मेघालय की राजधानी शिलांग और सिक्किम के रंगपो तक पहुंच जाएगा।
उन्होंने बताया कि नागालैंड की राजधानी कोहिमा तक रेलमार्ग पहुंचाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। अभी रेलमार्ग राज्य के दीमापुर शहर तक पहुंचा हुआ है।
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने 26 फरवरी को प्रस्तुत रेल बजट में कहा था कि रेलवे सभी पूर्वोत्तर राज्यों तक रेलमार्ग पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 नवंबर, 2014 को मेघालय के मेंदीपठार और गुवाहाटी के बीच एक रेल सेवा की शुरुआत की थी।
मोदी ने 20 फरवरी को दिल्ली से अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के लिए प्रथम साप्ताहिक वातानुकूलित एक्सप्रेस रेल सेवा को हरी झंडी दिखाई थी।