कोलंबो, 13 मार्च (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के आखिरी पड़ाव में शुक्रवार को कोलंबो पहुंचे। यह पिछले 28 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का श्रीलंका का पहला द्विपक्षीय दौरा है।
मोदी मॉरीशस के पोर्टलुईस से सुबह 5.25 बजे विशेष विमान से कोलंबो हवाईअड्डा पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने उनका स्वागत किया।
इसके बाद राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने पारंपरिक रूप से उनका स्वागत किया।
वह सिरिसेना, विक्रमसिंघे, पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमारतुंगे, विपक्ष के नेला निर्मल श्रीपाला डी सिल्वा और अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे।
पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे भी मोदी से मुलाकात कर सकते हैं।
मोदी अपराह्न् में श्रीलंकाई संसद को संबोधित करेंगे। इससे पहले फरवरी 1979 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई, 1962 में जवाहर लाल नेहरू और 1973 में इंदिरा गांधी ने श्रीलंकाई संसद को संबोधित किया था।
मोदी की यात्रा के मद्देनजर सिरिसेना सरकार ने शहरभर में सुरक्षा कड़ी कर दी है। शीर्ष कमांडो सहित 1,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
मोदी के दौरे के मद्देनजर श्रीलंका के राष्ट्रपति ने सद्भावना दर्शाते हुए बुधवार को 86 भारतीय मछुआरों को रिहा करने के आदेश दिए थे।
भारत ने भी इसके जवाब में 22 श्रीलंकाई मछुआरों को उनकी नाव के साथ रिहा करने की घोषणा की थी, जिन्हें हाल ही में हिरासत में लिया गया था।
दोनों पक्षों के बीच होने वाली बातचीत में मछुआरों का मुद्दा शीर्ष में रहने वाला है।
मोदी गृह युद्ध प्रभावित जाफना का दौरा करने वाले ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के बाद दूसरे विदेशी नेता होंगे, जहां वह भारत के सहयोग से बनाए गए घरों को सौंपेंगे।
मोदी जाफना में तमिल नेताओं से मुलाकात करेंगे। उनकी इस यात्रा में अनुराधापुरा शहर का दौरा भी शामिल है।