वाशिंगटन, 12 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका की सबसे प्राचीन एवं सर्व प्रतिष्ठित कॉलेज पूर्व विज्ञान एवं गणित प्रतियोगिता इंटेल साइंस टैलेंट सर्च-2015 में इस वर्ष भारतीय मूल के तीन अमेरिकी नागरिकों ने पदक जीता है।
वाशिंगटन, 12 मार्च (आईएएनएस)। अमेरिका की सबसे प्राचीन एवं सर्व प्रतिष्ठित कॉलेज पूर्व विज्ञान एवं गणित प्रतियोगिता इंटेल साइंस टैलेंट सर्च-2015 में इस वर्ष भारतीय मूल के तीन अमेरिकी नागरिकों ने पदक जीता है।
तीनों पदक विजेता भारतीयों ने अंतिम दौर में पहुंचने वाले प्रतिभागियों के साथ राष्ट्रपति कार्यालय में बराक ओबामा से मुलाकात की।
इस प्रतियोगिता में हाई स्कूल के 40 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया, जिनमें से 13 छात्र भारतीय मूल के थे। ये सभी छात्र प्रतियोगिता के अंतिम चरण में शामिल होने के लिए वाशिंगटन में थे। गौरतलब है कि यह पदक अमेरिका के उस युवा आविष्कारक को दिया जाता है, जिनके द्वारा आविष्कृत नवीन प्रौद्योगिकी या खोज लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में कारगर साबित हो सके।
सोसाइटी फॉर साइंस एंड द पब्लिक द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में अंतिम दौर तक पहुंचने वाले प्रतिभागियों ने कुल 10 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि जीती है। प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले तीनों विजेताओं नोआ गोलोविच, एंड्र जिन और माइकल हॉफमैन विनर को 150,000 डॉलर की धनराशि प्राप्त हुई।
द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को 75,000 डॉलर और तृतीय स्थान पर आए विजेताओं को 35,000 डॉलर की धनराशि पुरस्कार स्वरूप दी गई।
कैलिफोर्निया के सैन रैमन में रहने वाले भारतवंशी अमेरिकी छात्र सारानेश (सारन) दनिका प्रेमबाबू (17) ने अपनी नई खोज के लिए द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
सारन का अध्ययन इस बात पर केंद्रित था कि नैनोक्रिस्टल सुपरलैटिस में लेड टाइटेनेट और स्ट्रोनटियम रूदेनेट की परतों का उसके उसके विद्युत और चुंबकीय गुणों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
पेंसिल्वेनिया, वेस्ट चेस्टर के रहने वाले शाश्वत किशोर (18) को अपने मूल शोध के लिए तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
एरिजोना में स्कॉटडेल की 17 वर्षीय अन्विता गुप्ता को भी तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
गुप्ता ने कैंसर, तपेदिक और इबोला बीमारियों की कंप्यूटर द्वारा संभावित दवाओं की पहचान के लिए मशीन लर्निग डेटा का इस्तेमाल किया। अन्विता द्वारा तपेदिक की दवाइयों की पहचान के लिए चीन ने पहले ही नैदानिक परीक्षण शुरू कर रखा है।
इंटेल कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष रेने जेम्स ने कहा, “विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित का मजबूत आधार महत्वपूर्ण प्रतिभावान उद्यमों को जन्म देती है तथा नव उद्यमियों को अपना कारोबार बढ़ाने और आर्थिक विकास में योगदान देने की जरूरत है।”