नई दिल्ली, 11 मार्च (आईएएनएस)। एक सींग वाले गैंडे, ग्रेट इंडियन बुस्टार्ड और लाल पांडा जैसे लुप्तप्राय जीवों के संरक्षण में मदद करने के लिए टाटा समूह की एक कंपनी टाटा कैपिटल हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड और अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संगठन डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने हाथ मिलाया है।
यह जानकारी कंपनी ने बुधवार को एक बयान जारी कर दी।
बयान के मुताबिक, इस साझेदारी के तहत ग्रेट इंडियन बुस्टार्ड, एक सींग वाले गैंडे और लाल पांडा की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों को मजबूत किया जाएगा।
इस मौके पर टाटा कैपिटल हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आर. वैद्यनाथन ने कहा, “डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया को हमारे सहयोग से जागरूकता फैलाने और लुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके प्राणियों की रक्षा के लिए किए जा रहे कार्य में मदद मिलेगी। इन प्राणियों की रक्षा से पारिस्थितिक संतुलन बनाने में मदद मिलेगी और इसके कारण हमारे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होगा, जिससे आखिरकार मानवजाति का ही भला होगा।”
इस साझेदारी के उद्देश्य के बारे में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि सिंह ने कहा, “ग्रेट इंडियन बुस्टार्ड, एक सींग वाले गैंडे और लाल पांडा विशिष्ट प्रजातियां हैं, जो देश के तीन अलग-अलग जैविक पर्यावास का प्रतिनिधित्व करते हैं : खुले घास वाले मैदान, बाढ़ ग्रस्त मैदान और हिमालय के निचले इलाके के पर्वतीय वन।”
सिंह ने कहा, “इन प्रजातियों का संरक्षण करने का मतलब है उनके पूरे पारिस्थिति तंत्र का संरक्षण करना।”
उन्होंने कहा, “हम टाटा कैपिटल के साथ साझेदारी का स्वागत करते हैं, क्योंकि इससे हमारे संरक्षण कार्यक्रम को बल मिलेगा और इससे ऐसे कार्य करने में मदद मिलेगी, जिससे मानव जीवन और प्रकृति के बीच तालमेल स्थापित होगा।”
बयान में कहा गया है कि दुनिया में इस वक्त सिर्फ 200 ग्रेट इंडियन बुस्टार्ड बचे हुए हैं।
बयान के मुताबिक देश में एक सिंग वाले गैंडे की संख्या 4,000 से कम रह गई है और लाल पांडा की संख्या 10 हजार से कम रह गई है।