पटना, 10 मार्च (आईएएनएस)। बिहार विधानमंडल दल का बजट सत्र बुधवार से प्रारंभ हो रहा है। सत्र के पहले दिन दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी संबोधित करंेगे। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सरकार के विधानसभा मंे विश्वास मत प्रस्ताव पेश करेंगे। इधर, विश्वासमत को लेकर बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने व्हिप जारी किया है।
विश्वासमत को लेकर सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के मुख्य सचेतक और राज्य के संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने मंगलवार को व्हिप जारी किया है, जिसमें सभी विधायकों को नीतीश कुमार के पक्ष में वोट देने का निर्देश दिया गया है।
पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “जो विधायक व्हिप का उल्लंघन करेंगे, उनकी विधानसभा से सदस्यता भी जा सकती है।”
इधर, राजद विधानमंडल दल की मंगलवार को हुई बैठक में विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासमत के पक्ष में मतदान करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए व्हिप जारी कर दिया गया है। इस बैठक में हालांकि दो विधायक अनुपस्थित रहे। राजद के मुख्य सचेतक वीरेंद्र कुमार ने कहा कि राजद के विधायक नीतीश के समर्थन में वोट करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विश्वासमत को लेकर अभी अपने पत्ते नहीं खोली है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा कि भाजपा सदन में ही निर्णय लेगी।
विधानसभा सचिवालय के अनुसार, 22 अप्रैल तक चलने वाले सत्र के दौरान 12 मार्च को सरकार वित्तवर्ष 2015-16 के लिए दोनों सदनों में बजट पेश करेगी।
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार 22 फरवरी को मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। जद (यू) को राजद, कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाजपा) का समर्थन हासिल है।
विधानसभा सत्र के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा पटना के 33 स्थानों पर दंडाधिकारियों के साथ पुलिस बल को तैनात किया गया है। विधानमंडल, आर ब्लॉक और हड़ताली मोड़ पर नियंत्रण कक्ष में बिहार सैन्य बल को प्रतिनियुक्त किया गया है।
पटना के जिलाधिकारी अभय कुमार सिंह ने बताया कि सरकार के विश्वासमत हासिल करने को लेकर आयोजित विधानमंडल सत्र के दौरान पूरे क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। 15 स्थानों सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। निषेधाज्ञा तोड़ने वालों को तत्काल गिरफ्तारी के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी शिकस्त के बाद नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने थे। पिछले दिनों पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के सवाल पर मांझी पार्टी से बगावत कर दिए थे और अंत में उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 10 सीटें रिक्त हैं। बहुमत साबित करने के लिए कुल 117 विधायकों की संख्या जरूरी है। मौजूदा समय में विधानसभा में जद (यू) के 111, भाजपा के 87, कांग्रेस के पांच, राजद के 24, निर्दलीय पांच और भाकपा के एक सदस्य हैं।