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भारत को सिंधु जल संधि का सम्मान करना चाहिए : पाकिस्तान

इस्लामाबाद, 9 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान के बिजली एवं पानी मामलों के मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को कहा कि यदि भारत सिंधु जल संधि का पालन नहीं करेगा, तो पाकिस्तान को अगले कुछ वर्षो में जलाभाव की गंभीर समस्या से जूझना पड़ेगा।

इस्लामाबाद, 9 मार्च (आईएएनएस)। पाकिस्तान के बिजली एवं पानी मामलों के मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सोमवार को कहा कि यदि भारत सिंधु जल संधि का पालन नहीं करेगा, तो पाकिस्तान को अगले कुछ वर्षो में जलाभाव की गंभीर समस्या से जूझना पड़ेगा।

भारत और पाकिस्तान ने वर्ष 1961 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत यह तय हुआ था कि पश्चिम में बहने वाली तीन नदियों -सिंधु, झेलम और चेनाब- के जल का उपयोग पाकिस्तान करेगा और पूर्व में बहने वाली रावी, सतलज और ब्यास के जल का उपयोग भारत करेगा।

समाचार पत्र ‘डॉन’ की वेबसाइट के अनुसार, आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ नदियों और जल के बंटवारे के मुद्दे को सुलझाना चाहता है।

उन्होंने कहा, “यदि भारत हमारे जल अधिकारों का अतिक्रमण करता है, तो हम यह मामला उपयुक्त मंच के समक्ष रखेंगे।”

मंत्री ने कहा कि सरकार बिजली की समस्या को तीन सालों के अंदर सुलझा लेगी, लेकिन केवल तब जब पाकिस्तान जल के अभाव की गंभीर समस्या पर गौर करेगा और इसे सुलझा लेगा।

आसिफ ने चेतावनी देते हुए कहा कि पाकिस्तान को कुछ सालों में सूखे की समस्या से जूझना पड़ सकता है और देश इस तरह की समस्या का सामना करने के लिए तैयार नहीं है।

उन्होंने कहा कि जल का अभाव एक दीर्घकालीन समस्या है, जिसका समाधान दो या तीन सालों में नहीं निकल सकता है।

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