नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस) भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान धनराज पिल्लै इस बात को लेकर नाराज हैं कि सीनियर टीम के लिए हॉलैंड के पॉल वान ऐस को मुख्य कोच चुना गया है। धनराज की राय है कि भारतीय टीम के लिए स्थानीय कोच का चयन ही बेहतर होता क्योंकि वह खिलाड़ियों की हर एक समस्या को बेहतर तरीके से समझ सकता है।
नई दिल्ली, 9 मार्च (आईएएनएस) भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान धनराज पिल्लै इस बात को लेकर नाराज हैं कि सीनियर टीम के लिए हॉलैंड के पॉल वान ऐस को मुख्य कोच चुना गया है। धनराज की राय है कि भारतीय टीम के लिए स्थानीय कोच का चयन ही बेहतर होता क्योंकि वह खिलाड़ियों की हर एक समस्या को बेहतर तरीके से समझ सकता है।
भारतीय खेल प्राधिकरण ने बीते दिनों हॉकी इंडिया के सहयोग से ऐस को टीम का कोच चुना। ऐस एक साल तक टीम के साथ काम करने वाले टेरी वॉल्श के स्थान पर सीनियर टीम को प्रशिक्षण देंगे। वॉल्श ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
दुनिया के बेहतरीन सेंटर फारवर्ड खिलाड़ियों में से एक रहे धनराज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “हमारी टीम के लिए स्थानीय कोच ही सबसे बेहतर चयन हो सकता है। हमारे खिलाड़ियों के लिए भाषा एक बड़ी समस्या रही है। मैंने खुद भी यह देखा है। मैंने उत्तर प्रदेश विजार्ड्स के साथ यह समस्या देखी है। हमारे खिलाड़ी अच्छी तरह अंग्रेजी नहीं समझते क्योंकि विदेशी कोचों की अंग्रेजी बोलने की शैली भिन्न होती है।”
वर्ष 1998 में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने वाली टीम के कप्तान धनराज उत्तर प्रदेश विजार्ड्स टीम के तकनीकी निदेशक हैं और हॉकी इंडिया के तकनीकी निदेशक रोलांट ओल्टमैंस इस टीम के मुख्य कोच हैं।
देश के लिए 339 मैच खेल चुके धनराज मानते हैं कि बीते 10 साल में खेल संघों ने लगातार विदेशी कोचों की नियुक्ति की है लेकिन इसके बावजूद खेलों की दशा और दिशा में परिवर्तन नहीं दिखाई दे रहा है।
बकौल धनराज, “क्या बीते 10 साल में विदेशी कोच हमारे खेलों को अगले स्तर तक ले गए। नहीं वे अभी भी उसी स्थान पर हैं। हमारा स्तर नहीं सुधरा है। वह वैसा ही है, जैसा 10 साल पहले मेरे जमाने में भारतीय कोचों की देखरेख में हुआ करता था।”
चार विश्व कप, चार ओलम्पिक, चार एशियाई खेल और चार चैम्पियंस ट्रॉफी खेलने वाले दुनिया के एकमात्र हॉकी खिलाड़ी धनराज ने कहा, “अगर हॉकी इंडिया, सरकार को लगता है कि विदेशी कोच ही अच्छे होते हैं तो फिर देखते हैं कि नए कोच क्या कमाल कर दिखाते हैं।”