मुंबई, 7 मार्च (आईएएनएस)। रणजी ट्रॉफी (2014-15) का खिताबी मुकाबला रविवार से वानखेड़े स्टेडियम में खेला जाना है जहां दक्षिण भारत की दो मजबूत टीमें कर्नाटक और तमिलनाडु आमने-सामने होंगी। मौजूदा चैम्पियन कर्नाटक पर निश्चित ही खिताब बचाने का दबाव होगा।
तमिलनाडु का नेतृत्व टूर्नामेंट में टीम के लिए सर्वाधिक 810 रन बनाने वाले अभिनव मुकुंद के हाथों में है।
मुकुंद के अलावा तमिलनाडु को मुरली विजय, दिनेश कार्तिक, बाबा अपराजीत तथा बाबा इंद्रजीत से बल्लेबाजी में काफ अपेक्षाएं रहेंगी। कार्तिक टूर्नामेंट में टीम दूसरे सर्वोच्च स्कोरर हैं। उन्होंने 10 मैचों की 17 पारियों में तीन शतक और दो अर्धशतक की बदौलत 753 रन बनाए हैं।
गेंदबाजी की बात करें तो तमिलनाडु का दारोमदार अनुभवी लक्ष्मीपति बालाजी, अश्विन क्राइस्ट के कंधों पर होगा। हालांकि तमिलनाडु का कोई भी गेंदबाज टूर्नामेंट में शीर्ष 10 में जगह बनाने में सफल नहीं हो सका है।
टूर्नामेंट में टीम के सबसे सफल गेंदबाज मलोलान रंगराजन साबित हुए हैं। नौ मैचों में 2.9 की इकॉनमी से रन देते हुए उन्होंने 33 विकेट हासिल किए हैं और गेंदबाजों की सूची में 16वें स्थान पर हैं।
कुल मिलाकर कागज पर मौजूदा चैम्पियन कर्नाटक, तमिलनाडु की अपेक्षा कहीं मजबूत टीम नजर आती है।
कर्नाटक के लिए रोबिन उथप्पा, लोकेश राहुल शीर्ष जबकि मनीष पांडेय मध्य क्रम पर मजबूत स्तंभ का काम कर सकते हैं।
कर्नाटक की गेंदबाजी एक बार फिर टीम के कप्तान और तेज गेंदबाज विनय कुमार पर निर्भर होगी। नौ मैचों में 2.78 की इकॉनमी से रन देते हुए 41 विकेट हासिल करने वाले विनय टूर्नामेंट में तीसरे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं।
सेमीफाइनल में भी विनय ने मुंबई के खिलाफ पहली पारी में 20 रन देकर छह विकेट हासिल किए थे।
अभिमन्यु मिथुन और श्रीनाथ अरविंद टीम के दूसरे अहम गेंदबाज हैं।
कर्नाटक को हालांकि इसी सत्र के अपने पहले ग्रुप मैच में तमिलनाडु के खिलाफ 285 रनों की बड़ी हार मिली थी लेकिन फाइनल में मौजूदा चैम्पियन इस नतीजे को दोहराना नहीं चाहेगा।
माना जा रहा है कि वानखेड़े की पिच गेंदबाजों के लिए ज्यादा मददगार साबित हो सकती है लेकिन अभी कोई अनुमान लगाना मुश्किल है।