कोलंबो, 6 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शुक्रवार को श्रीलंका दौरे पर कोलंबो पहुंच गईं। वह दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय द्विपक्षीय वार्ता के तीसरे दौर में शामिल होंगी और अगले महीने होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के लिए पृष्ठभूमि तैयार करेंगी। वह आज राष्ट्रपति और विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगी।
सुषमा स्वराज का भंडारनायके अंतराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अगवानी उपविदेश मंत्री अजीत परेरा ने की। सुषमा शुक्रवार को राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और विदेश मंत्री मंगला समरवीरा से मुलाकात करेंगी। वह प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से शनिवार को मुलाकात करेंगी और इन नेताओं के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगी।
सुषमा श्रीलंका के नए राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के भारत दौरे के ठीक दो हफ्ते बाद द्वीपदेश की यात्रा पर पहुंची हैं। सिरिसेना जनवरी में हुए चुनाव में लंबे अरसे तक राष्ट्रपति रहे महिंदा राजपक्षे को पराजित कर सत्ता पर काबिज हुए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी 13-14 मार्च को श्रीलंका दौरे पर होंगे और इस दौरान वह राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और सभी राजनीतिक दलों के अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे।
मोदी 13 मार्च को श्रीलंका की संसद को संबोधित करेंगे। मोदी का श्रीलंका दौरा 1987 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा होगा, जब प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस देश का दौरा किया था।
प्रधानमंत्री मोदी जाफना भी जाएंगे।
मोदी का श्रीलंका दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब कोलंबो ने चीन के साथ 1.5 अरब डॉलर का कोलंबो बंदरगाह शहर परियोजना निलंबित करने का निर्णय लिया है।
श्रीलंका सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री राजिता सेनारत्ने ने गुरुवार को कोलंबो में घोषणा की थी कि मंत्रिमंडल ने बुधवार को प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसके तहत कोलंबो बंदरगाह शहर परियोजना को तत्काल निलंबित करने की बात कही गई है। यह परियोजना कोलंबो बंदरगाह के बगल में तैयार की गई भूमि पर निर्मित हो रही हैं।
इसके पहले सिरिसेना 17 फरवरी को भारत आए थे। उस दौरान दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। भारत ने अपने एक पड़ोसी देश के साथ पहली बार इस तरह का समझौता किया है।
सिरिसेना के भारत दौरे से पहले उनके विदेश मंत्री मंगला समरवीरा ने यहां का दौरा कर भारत सरकार के साथ वार्ता कर राष्ट्रपति के आगमन का मार्ग प्रशस्त किया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने गुरुवार को ट्वीट किया था कि सुषमा स्वराज का श्रीलंका दौरा द्विपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता लाने की दिशा में प्रयास का संकेत है।
उन्होंने लिखा, “उम्मीद की जानी चाहिए कि वर्ष 2015 में भारत-श्रीलंका के संबंधों में तेजी से सुधार आएगा।”