लंदन, 4 मार्च (आईएएनएस)। आर्सेनिक को प्राणघातक माना जाता है, लेकिन अनुसंधानकर्ताओं ने अर्जेटीना में एंडीज पर्वत के उच्च प्रदेशों में निवास करने वाले ऐसे लोगों की पहचान की है जिन्होंने आर्सेनिक को भी पचा लेने की क्षमता विकसित कर ली है।
अध्ययनकर्ताओं का मानना है कि स्थानीय निवासियों द्वारा विकसित यह क्षमता आर्सेनिक के कारण स्वास्थ्य पर पड़ने वाले गंभीर प्रभाव और आर्सेनिक को जल्द से जल्द पचा लेने की जरूरत के चलते विकसित हुई है।
कैरोलिंस्का शोध संस्थान और उप्पसला विश्वविद्यालय के प्राध्यापक करीन ब्रोबर्ग के नेतृत्व में स्वीडन की अनुसंधान टीम ने इस अध्ययन के लिए 124 एंडीज वासी महिलाओं की जिनोम संरचना का अध्ययन किया और उनके मूत्र में आर्सेनिक की मात्रा की जांच की।
अध्ययनकर्ताओं ने इन महिलाओं में पाए जाने वाले एक गुणसूत्र (जीन) एएस3एमटी में न्यूक्लीयोटाइड संरचना का पता लगाया, जो कोलंबिया और पेरू निवासियों में काफी कम मात्रा में पाई जाती है।
अनुसंधानकर्ताओं का अंदाजा है कि इसकी मात्रा में वृद्धि हाल के 10,000 से 7,000 वर्षो में हुई है, क्योंकि हाल ही में इसी इलाके में खुदाई से प्राप्त एक ममी के बालों में आर्सेनिक की अत्यधिक मात्रा पाई गई थी।
शोधकर्ताओं ने अपने शोध-पत्र में लिखा है, “इस तरह, एंडीज में निवास करने वाले इन लोगों ने एक जहरीले रसायन के प्रति खुद को बचाने के लिए अपनी क्षमताओं को विकसित कर लिया है।”
पिछले कई हजार वर्षो से एंडीज की पहाड़ियों में निवास करने वाले लोगों को आर्सेनिक की अत्यधिक मात्रा झेलनी पड़ रही है। ऐसा किसी ज्वालामुखी के फटने के बाद धरातल के निचले हिस्से में जमा आर्सेनिक बहकर भू-जल में घुल जाता है।
यह अध्ययन जर्नल ‘मॉलीक्यूलर बायोलॉजी एंड इवोल्यूशन’ में प्रकाशित हुआ है।