नई दिल्ली, 4 मार्च (आईएएनएस)। दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी बुधवार सुबह शुरू हो गई। 800 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज, 1800 मेगाहट्र्ज और 2100 मेगाहट्र्ज बैंडों में हो रही इस नीलामी में आठ कंपनियां बोली लगा रही हैं।
एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा, “नीलामी की प्रक्रिया सहजता से शुरू हुई।”
नीलामी में हिस्सा लेने वाली कंपनियों में रिलायंस कम्युनिकेशंस, रिलायंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन इंडिया, टाटा टेलीसर्विसिस, यूनीनॉर, आईडिया सेल्युलर और एयरसेल शामिल हैं।
सभी आठ कंपनियों ने 20,435 करोड़ रुपये की धरोहर राशि जमा की है।
नीलामी प्रक्रिया के संचालन के लिए दूरसंचार विभाग ने कोलकाता की कंपनी एमजंक्शन सर्विसिस को चुना है, जो भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड (सेल) और टाटा स्टील की संयुक्त उपक्रम कंपनी है।
नीलामी प्रक्रिया सोमवार से शनिवार तक सुबह नौ बजे से शाम 7.30 बजे तक चलनी है।
नीलामी में 800 मेगाहट्र्ज बैंड में 103.75 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज बैंड में 177.8 मेगाहट्र्ज, 1800 मेगाहट्र्ज बैंड में 99.2 मेगाहट्र्ज यानी 800, 900 और 1,800 मेगाहट्र्ज बैंडों में कुल 380.75 मेगाहट्र्ज रखे गए हैं।
सरकार 2100 मेगाहट्र्ज बैंड में भी पांच मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम रखेगी, जिसका उपयोग कुल 22 में से 17 सर्किलों में 3जी के लिए होता है।
आधार मूल्य 800 मेगाहट्र्ज में अखिल भारतीय प्रति मेगाहट्र्ज 3,646 करोड़ रुपये, 900 मेगाहट्र्ज में अखिल भारतीय प्रति मेगाहट्र्ज 3,980 करोड़ रुपये और 1800 मेगाहट्र्ज में अखिल भारतीय प्रति मेगाहट्र्ज 2,191 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। सरकार ने 3जी सेवा के लिए प्रति मेगाहट्र्ज 3,705 करोड़ रुपये के आधार मूल्य को मंजूरी दी है।
सिर्फ आधार मूल्य पर सरकार को नीलामी से 82 हजार करोड़ रुपये की आय हो सकती है, जबकि वास्तविक नीलामी मूल्य पर सरकार को करीब एक लाख करोड़ रुपये की आय का अनुमान है।
दिसंबर 2015 में आईडिया सेल्युलर और रिलायंस कम्युनिकेशंस के सात (प्रत्येक), भारती एयरटेल के चार, वोडाफोन इंडिया के छह लाइसेंस 20 साल की वैधता अवधि पूरी कर लेंगे। 18 सेवा क्षेत्रों में 29 लाइसेंसों की वैधता अवधि 2015-16 में समाप्त हो रही है।
सिस्तेमा श्याम टेलीसर्विसिस लिमिटेड, वीडियोकॉन टेलीकॉम, बीएसएनएल और एमटीएनएल नीलामी में प्रतिस्पर्धा नहीं कर रही हैं।