कोच्ची, 8 फरवरी (आईएएनएस)। भारत मॉरीशस तट से लगे मध्य सागर रिज के 10,000 वर्ग किलोमीटर के दायरे में खनिज भंडारों की तलाश करेगा। इसमें मुख्य रूप से पॉलीमेटैलिक सल्फाइड शामिल है। एक शीर्ष वैज्ञानिक ने रविवार को यह जानकारी दी।
खनिज भंडार तलाशने का यह निर्णय तब लिया गया है, जब अंतर्राष्ट्रीय समुद्र तल प्राधिकरण (आईएसए) से इसकी मंजूरी मिल गई है।
राष्ट्रीय अंटार्कटिक एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (एनसीएओआर) के निदेशक एस. राजन ने यहां जारी वर्ल्ड ओशन साइंस कांग्रेस (डब्लूओएससी-15) के एक सत्र में कहा, “वास्तव में अन्वेषण का यह काम आईएसए के साथ भारत सरकार का 15 वर्षीय करार होने के बाद ही शुरू किया जाएगा।”
उन्होंने कहा, “हम अधिक आर्थिक क्षमताओं वाली जलतापीय गतिविधियों और संभावित सल्फाइड भंडारों की तलाश करेंगे।”
भू-विज्ञान मंत्रालय ने गहरे समुद्र में खनन अन्वेषण लाइसेंस के लिए आईएसए में एक आवेदन अप्रैल 2013 को किया था, जबकि अन्वेषण की मंजूरी जुलाई 2014 में दी गई।
इस अन्वेषण में हजारों की संख्या से लेकर 10 करोड़ टन तक शीशे, जस्ते और तांबे का भंडार मिल सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र महाद्वीपीय पट्टी सीमा आयोग (सीएलसीएस) को एक प्रतिवेदन दिया है। इसमें देश की महाद्वीपीय पट्टी सीमा मौजूदा 200 मील से बढ़ाकर 350 मील तक करने की मांग की गई है।