न्यूयॉर्क, 8 फरवरी (आईएएनएस)। आपने कभी सोचा है कि जो मच्छर परजीवी बीमारियों को एक से दूसरे मनुष्य में पहुंचाने का काम करते हैं, वे आखिर खुद उन बीमारियों से कैसे बच जाते हैं?
नए शोध में यह बात सामने आई है कि खून में मौजूद परजीवी से लड़ने के लिए मच्छर खून चूसने के बाद प्रतिरोधी प्रणाली के तहत प्रोटीन का उत्पादन बढ़ा लेते हैं।
संक्रमण से मच्छरों के लड़ने की प्रक्रिया का अध्ययन कर समान रोगाणुओं से होने वाले संक्रमण से मनुष्यों का बचाव करने की रणनीति तैयार की जा सकती है।
पेनसिल्वानिया विश्वविद्यालय के असिसटेंट प्रोफेसर पोवेलोन्स ने कहा, “यदि हम इस जानकारी का इस्तेमाल अपने लाभ के लिए करें तो हम मच्छरों को बीमारियां फैलाने से रोकने के नए तरीकों को ढूढ़ने में सक्षम हो सकते हैं।”
मौजूदा शोध के जरिए शोधकर्ता मच्छरों की प्रतिरोधी क्षमता पर अन्य निर्धारित एलआरआईएम9 प्रोटीनों के प्रभाव को गहनता से समझना चाहते हैं।
शोधकर्ताओं ने जांच में एक प्रोटीन एलआरआईएम9 का पता लगाया है, जो मच्छरों में परजीवियों के तीन गुना बढ़ जाने पर निष्क्रिय हो गया है।
उन्होंने शोध में यह भी पाया कि वयस्क नर मच्छरों की तुलना में वयस्क मादा मच्छरों में एलआरआईएम9 प्रोटीन के 20 गुना अधिक उच्च स्तर होते हैं।
वयस्क मादा मच्छर ही केवल खून चूसते हैं।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, एलआरआईएम9 मच्छरों की प्रतिरोधी क्षमता से रोगाणुओं को पहचानने और अन्य प्रतिरोधी क्षमता घटकों के संपर्क में आने में मदद कर सकता है।
यह शोध ‘इन्नेट इम्युनिटी’ पत्रिका में प्रकाशित की गई।