संयुक्त राष्ट्र, 7 फरवरी (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यमन में जारी राजनीतिक संकट पर चिंता व्यक्त की है।
सुरक्षा परिषद ने यह चिंता ऐसे समय में जाहिर की है, जब शिया जिहादियों ने यमन की सत्ता अपने हाथों में लेने और संसद भंग करने की घोषणा की है।
समाचार एजेंसी ‘सिन्हुआ’ द्वारा शनिवार को जाारी रपट में कहा गया है, सुरक्षा परिषद ने सख्त लहजे में सभी पक्षों, विशेष रूप से शिया जिहादियों को हिदायत दी है कि उन्हें खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की पहल, राष्ट्रीय संवाद सम्मेलन के परिणामों और शांति एवं राष्ट्रीय साझेदारी समझौते का पालन करना करना चाहिए।
सुरक्षा परिषद के मुताबिक यदि यमन के शिया जिहादी समूह तत्काल यूएन के नेतृत्व में समझौता वार्ता के लिए तैयार नहीं हुए तो वह नए प्रतिबंध लगाने के लिए भी तैयार है।
यूएन ने नजरबंद राष्ट्रपति अब्द-रब्बू मंसूर हादी, प्रधानमंत्री खालिद बहाह और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों की ‘तुरंत रिहाई’ की भी मांग की है।
शिया जिहादी समूह ने शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन से सत्ता अपने हाथों में लेने के लिए एक राष्ट्रपति परिषद के गठन की भी घोषणा की। इस कदम से संकट और गहराएगा, क्योंकि पिछले महीने यमन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने इस्तीफा दे दिया था।
यमन की राजनीतिक पार्टियां आम सहमति पर पहुंचने के लिए पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से यूएन के राजदूत जमाल बेनोमर द्वारा संचालित विचार-विमर्श में हिस्सा ले रहे हैं।
राजनीतिक विद्रोह को समाप्त करने और लोकतंत्र की पूर्ण बहाली के उद्देश्य के साथ नवंबर 2014 में नई सरकार के गठन के बावजूद यमन में हिंसा और व्यापक स्तर पर राजनीतिक प्रदर्शन जारी हैं।