पार्टी ने जमीनी स्तर पर संगठन और दलित सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए 2025 के चुनावों के लिए अपनी तैयारियां भी तेज कर दी हैं. पारस ने आगे कहा, ‘हमने बिहार के हर बूथ पर एक संगठन स्थापित करने की योजना बनाई है. इसके अनुसार, सभी निर्वाचन क्षेत्रों में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) नियुक्त किए जाएंगे. बिहार की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए जमीनी स्तर पर एक मजबूत आधार बनाने का विचार है.’
साल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले रालोजपा एनडीए गठबंधन का हिस्सा थी और पशुपति कुमार पारस पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मंत्री थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में रालोजपा को एक भी सीट नहीं दी गई. जिससे दरार पड़ गई. चिराग पासवान एनडीए में शामिल हो गए, जबकि पशुपति पारस ने खुद को इससे अलग कर लिया.