वाशिंगटन-अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता (बर्थ राइट सिटीजनशिप) को खत्म करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए। आदेश यह सुनिश्चित करेगा कि विदेशी पासपोर्ट धारकों के बच्चों को अब अमेरिकी नागरिक नहीं माना जाएगा। इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो देश में कानूनी रूप से रह रहे हैं, जैसे टूरिस्ट, स्टूडेंट और वर्क वीजा पर रहने वाले लोग।
जन्मसिद्ध नागरिकता वह कानूनी सिद्धांत है जिसके अनुसार बच्चे उस देश की नागरिकता प्राप्त करते हैं जिसमें उनका जन्म हुआ है, भले ही उनके माता-पिता की राष्ट्रीयता या इमिग्रेशन स्टेट्स कुछ भी हो।
अमेरिकी संविधान में 14वां संशोधन को लंबे समय से अमेरिकी धरती पर पैदा हुए लगभग सभी बच्चों को नागरिकता देने के रूप में पढ़ा जाता रहा है। इसे 1868 में गृह युद्ध के बाद अपनाया गया था ताकि पूर्व में गुलाम बनाए गए लोगों की स्थिति को स्पष्ट किया जा सके।
इसमें कहा गया है कि “संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे या प्राकृतिक रूप से बसे सभी व्यक्ति, संयुक्त राज्य अमेरिका के नागरिक हैं।”ट्रंप द्वारा आदेश पर हस्ताक्षर करने के कुछ घंटों बाद तक प्रक्रिया में कोई तत्काल बदलाव नहीं हुआ। कार्यकारी आदेश 20 फरवरी तक प्रभावी होने वाला है, लेकिन इसके लिए कई कानूनी बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। नागरिकता खंड अमेरिकी संविधान का हिस्सा है, और जन्मसिद्ध नागरिकता भी कानूनी द्वारा समर्थित है। कई रिपोर्ट्स एक्सपर्ट्स की हवाले से यह भी दावा करती हैं कि जन्मसिद्ध नागरिकता से संबंधित कानूनों में पूरी तरह से बदलाव असंभव है।
इस आदेश ने कई समाज के कई हिस्सों में आक्रोश पैदा किया है, जिसमें कई प्रभावशाली आवाजें इस फैसले के खिलाफ़ बोल रही हैं। अप्रवासी और नागरिक अधिकार अधिवक्ताओं – जिसमें अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन भी शामिल है – ने भी सोमवार को इस आदेश के खिलाफ़ मुकदमा दायर किया।