दिल्ली – राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में गुरुवार, 31 अक्टूबर को धूम-धाम से दिवाली का त्योहार मनाया गया. इस मौके पर प्रतिबंध के बावजूद कई राज्यों में जमकर आतिशबाजी की गई, जिसके चलते वहां की हवा में जहर घुल गया. खासतौर से राजधानी दिल्ली में दिवाली के दिन पटाखा प्रतिबंध के फैसले की खूब धज्जियां उड़ी. आतिशबाजी के चलते दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है. हालांकि कई इलाकों में रात में पटाखों के उपयोग से एयर क्वॉलिटी इंडेक्स ‘गंभीर’ स्थिति तक पहुंच गया. पिछले चार वर्षों की तरह इस साल भी दिल्ली सरकार ने पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था.
दिवाली पर आतिशबाजी के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रात 9 बजे तक AQI 328 (बहुत गंभीर) पर पहुंच गया, जो बुधवार को 307 था जब छोटी दिवाली मनाई गई थी. रात 10 बजे, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों से पता चला कि दिल्ली के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब थी और जहरीली हवाओं में वृद्धि के साथ एक्यूआई गंभीर श्रेणी की ओर बढ़ रहा था. औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अलीपुर में 318, आनंद विहार में 393, अशोक विहार में 359, आया नगर में 324, बवाना में 366, आईजीआई टर्मिनल टी3 में 339, आरके पुरम में 382, द्वारका में 357, जहांगीरपुरी में 371, नॉर्थ कैंपस डीयू में 340 और पंजाबी बाग में 380 दर्ज किया गया.