भोपाल:मप्र के मुख्यमंत्री जो स्वयं गृहमंत्री भी हैं बंगाल रेपकांड पर अधिक मुखर दिखते थे उस समय उनका बयान था की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को सार्वजनिक रूप से सामने आ यह स्वीकार करना चाहिए की उनकी सरकार से गलती हुई है.
अब मप्र में यह आफत मोहन यादव के गले पड़ गयी है वे मुख्यमंत्री भी हैं और गृहमंत्री भी,मप्र में कानून व्यवस्था संभाले नहीं संभल रही है पहले उनके गृह जिले में रेप फिर पडोसी जिले इंदौर में सेना के अधिकारीयों को बंधक बना कर महिला से गैंगरेप और मुख्यमंत्री महोदय सार्वजनिक रूप से यह मानने को तैयार नहीं की उनकी सरकार से गलती हुई.
मध्य प्रदेश के इंदौर में पर्यटन स्थल जामगेट में हुई घटना ने देश में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। उज्जैन में हुई दुष्कर्म की घटना के बाद इस मामले ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा कर दिया है। पुलिस अधिकारी भी बार बार घटना पर बयान बदल रहे हैं। ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि ऐसी बर्बरताओं की वजह से हर दिन करोड़ों महिलाओं का हौसला टूटता है.
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘मध्य प्रदेश में सेना के दो जवानों के साथ हिंसा और उनकी महिला साथी के साथ दुष्कर्म पूरे समाज को शर्मसार करने के लिए काफी है। भाजपा शासित राज्यों की कानून व्यवस्था लगभग अस्तित्वहीन है – और, महिलाओं के खिलाफ़ दिन प्रतिदिन बढ़ते अपराधों पर भाजपा सरकार का नकारात्मक रवैया अत्यंत चिंताजनक।’
दरअसल राजनेताओं के लिए अपने व् विरोधियों के लिए माप के पैमाने अलग अलग होते हैं,यदि घर तोड़ने का समय होता तो अभी तक दो चार घर नेस्तनाबूत कर दिए गए होते,लेकिन मजबूरी है साहब अपने इस्तीफे की बात कर नहीं सकते और विपक्ष इतना कमजोर है की उसकी आवाज सुनी नहीं जायेगी या वह सुनाना नहीं चाहेगा।
खैर खबर यह है की आम जनता को खामियाजा भुगतना है बाकी सब चंगा है.