भोपाल-मध्य प्रदेश सरकार कर्ज के दलदल में धंसती जा रही है। डाॅ. मोहन यादव सरकार इस महीने एक बार फिर पांच हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है। यह कर्ज दो बार में ढाई-ढाई हजार करोड़ रुपए के रूप में लिया जाएगा। यह कर्ज जन्माष्टमी के अगले दिन 27 अगस्त को लिया जाएगा, जिसकी भरपाई सरकार 14-14 साल की अवधि में करेगी।
वित्त विभाग द्वारा इसी महीने लिए जाने वाले ढाई हजार करोड़ के नए लोन के लिए ऑक्शन की अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसमें कहा गया है कि ढाई हजार-ढाई हजार करोड़ का यह कर्ज 28 अगस्त 2038 तक 14-14 साल की अवधि के लिए लिया जा रहा है, जिसकी भरपाई सरकार इस अवधि में करेगी। इसका ब्याज सरकार हर साल जमा करती रहेगी।
छह अगस्त को मोहन सरकार ने पांच हजार करोड़ का कर्ज लिया था। इसके बाद लाड़ली बहना योजना के लाभार्थियों को राखी के लिए 250 रुपए और 1250 रुपए की मासिक किश्त, कर्मचारियों को महंगाई भत्ते के बकाया एरियर्स की राशि का भुगतान किया गया है। छह अगस्त को लिए गए कर्ज में 11 साल और 21 साल की अवधि में ब्याज का भुगतान करना तय किया गया है।
मध्य प्रदेश सरकार का बजट करीब 4 लाख करोड़ का बजट है और उससे ज्यादा कर्ज पहुंच गया है। राज्य सरकार औसतन हर महीने 2000 करोड़ का कर्ज ले रही है। इस महीने तो ये दस हजार करोड़ तक पहुंच गया है। मध्य प्रदेश की वित्तीय स्थिति पहले ही चिंताजनक है अब एक और नया कर्ज, एमपी सरकार के वित्तीय संकट के दलदल में फंसने का इशारा कर रहा है।
हाल ही में CAG ने अपनी रिपोर्ट में सरकार के बढ़ते राजकोषीय घाटे पर चिंता जताते हुए कहा था कि सरकार को ज्यादा कर्ज लेने के बजाय राजस्व बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, नुकसान उठा रहे उपक्रमाें के कामकाज की समीक्षा कर उनमें सुधार की रणनीति बनाई जाना चाहिए। बजट तैयार करने की प्रक्रिया ऐसी हो, ताकि बजट अनुमान और वास्तविक बजट के बीच के अंतर को काम किया जा सके।