वाशिंगटन, 6 फरवरी (आईएएनएस)। अमेरिका में शोधकर्ताओं ने खूबसूरती से संरक्षित कर रखे गए 1.5 करोड़ साल पुराने घोंगे जैसे दिखने वाले जीव के जीवाश्म में प्रोटीन की पतली परत को ढूंढ़ निकाला है। शोधकर्ताओं ने इसे इकफोरिया नाम दिया है।
अब विलुप्त हो चुकी इकफोरिया प्रजाति मध्य-मिओसिन युग में (तकरीबन 80 लाख और 1.8 करोड़ साल पहले) पाए जाते थे।
वाशिंगटन में कार्नेगी इंस्टीट्यूशन पॉर साइंस के मुख्य शोधकर्ता जॉन नैंस और उनके सहयोगियों के कहा, “हम यह खोजकर आश्चर्यचकित थे कि घोंगा तनु अम्ल में विघटित होने के बाद एक सेंटीमीटर से अधिक मोटी प्रोटीन की पतली परत छोड़ता है।”
इन परतों की स्पेक्ट्रोस्कोपी और इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी तथा रासायनिक विश्लेषण करने के बाद पता चला कि वे एक घोंगे के प्रोटीन है जो 1.5 करोड़ साल से संरक्षित थे।
शोधकर्ताओं में से एक रॉबर्ट हैजेन ने कहा, “जीवाश्म खोल के अंदर पाए गए प्रोटीन का यह अब तक सबसे पुराना और सबसे संरक्षित उदाहरण है।”
उल्लेखनीय है कि इस प्रोटीन के आधुनिक घोंगे के खोल वाले प्रोटीन जैसे ही लक्षण हैं। ये दोनों अम्ल में विघटित होने के बाद ठीक उसी तरह के रंग की पतली और नर्म परत बनाते हैं जैसा कि मूल खोल अम्ल में विघटित होने के बाद करता है।
इकफोरिया अपने युग के सबसे विशिष्ठ उत्तरी अमेरिकी घोंगों में से एक है, जिसे उसके असमान्य लाल रंग के भूरे कवच के लिए जाना जाता है।
यह शोध जर्नल जियोकेमिकल पर्सपेक्टिव लेटर्स में प्रकाशित हुआ है।