नई दिल्ली : 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजीरवाल को जमानत देते हुए कई शर्तें भी तय की हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री दफ्तर नहीं जाएंगे और दिल्ली सचिवालय भी नहीं जाएंगे. वह बिना उपराज्यपाल की अनुमति के वह किसी भी फाइल पर साइन नहीं करेंगे. केजरीवाल शराब नीति घोटाले में अपने भूमिका को लेकर कोई टिप्पणी भी नहीं करेंगे. इसके अलावा वह किसी गवाह से भी संपर्क नहीं करेंगे.
केजरीवाल पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश, ये हैं शर्तें
1. 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत.
2. मुख्यमंत्री दफ्तर नहीं, जायेंगे और दिल्ली सचिवालय नहीं जायेंगे.
3. बिना उपराज्यपाल की अनुमति के किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे.
4. शराब नीति घोटाले में अपने भूमिका को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे.
5. किसी गवाह से भी संपर्क नहीं करेंगे.
दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में होने वाले चुनाव से पहले केजरीवाल को मिली जमानत से पार्टी का मनोबल काफी बढ़ेगा. दिल्ली की सभी सीटों पर छठे फेज में 25 मई को वोट डाले जाएंगे. वहीं, पंजाब में भी आखिरी फेज में वोटिंग होनी है. दोनों राज्यों में AAP की सरकार है और पार्टी को वहां से काफी उम्मीदें हैं.
केजीरवाल को जमानत मिलने पर उनकी पत्नी सुनीता केजीरवाल का भी रिएक्शन आया है. सुनीता केजीरवाल ने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है और करोड़ों लोगों की दुआओं का फल है. वहीं, आम आदमी पार्टी ने इसे न्याय की जीत बताया है.