नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता मायावती ने मंगलवार को घोषणा की कि वह अपने भतीजे आकाश आनंद को उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक के पद से ‘जब तक वह परिपक्व नहीं हो जाते’ हटा रही हैं. बमुश्किल छह महीने पहले ही बसपा प्रमुख ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था.
मायावती ने मंगलवार (7 मई) को अपने फैसले की घोषणा की. इसके 10 दिन पहले आकाश और पार्टी के अन्य नेताओं पर उत्तर प्रदेश की सीतापुर पुलिस ने कथित तौर पर नफरत और दुश्मनी को बढ़ावा देने के अलावा आईपीसी और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं के तहत अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया था.
एक वीडियो में आकाश को चुनावी रैली में भाजपा सरकार को ‘गद्दारों की सरकार’ कहते हुए और लोगों से वोट मांगने वाले अन्य दलों के प्रतिनिधियों को जूते और चप्पल से मारने की कहते नज़र आए थे.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाले राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा था, ‘यह भाजपा सरकार एक बुलडोजर सरकार और गद्दारों की सरकार है. जो पार्टी अपने युवाओं को भूखा छोड़ती है और अपने बुजुर्गों को गुलाम बनाती है वह एक आतंकवादी सरकार है. ऐसी सरकार तालिबान अफगानिस्तान में चलाता है.’
इसको लेकर उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 171 सी (चुनावों पर अनुचित प्रभाव), 153बी (आरोप लगाना, राष्ट्रीय एकता के लिए हानिकारक दावे) और 188 (लोक सेवक द्वारा विधि आदेश की अवज्ञा) और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के तहत केस दर्ज किया गया था.