नई दिल्ली-सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, इसके एमडी आचार्य बालकृष्ण और इसके सह-संस्थापक योग गुरु रामदेव को भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन पर कोर्ट की अवमानना मामले की सुनवाई करते हुए कड़ी फटकार लगाई. लाइव लॉ के मुताबिक, अदालत के पिछले आदेश के अनुपालन में बालकृष्ण और रामदेव मंगलवार की सुनवाई में मौजूद थे, जहां जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस ए. अमानुल्लाह की पीठ ने पूर्व में अदालत में दिए गए हलफ़नामे के उल्लंघन को लेकर उनकी माफ़ी स्वीकार करने से इनकार कर दिया. अदालत की मनाही के बावजूद कंपनी के विज्ञापनों के प्रकाशन को लेकर कंपनी ने इसकी मीडिया टीम को ज़िम्मेदार ठहराया था, जिस पर अदालत ने सवाल किया कि कोर्ट में हलफनामा देने के बाद यह किसकी जिम्मेदारी है कि इस बारे में ऊपर से नीचे तक सभी को सूचित करे. जस्टिस कोहली ने यह भी जोड़ा कि यह माफ़ी महज़ दिखावा है.
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