काठमांडू। चीन को अपनी महत्वाकांक्षी योजना बेल्ट ऐंड रोड इनिसिएटिव (बीआरआई) के कार्यान्वयन समझौता पर नेपाल का हस्ताक्षर न करना नागवार गुजरा है। नेपाल के विदेशमंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ को चीन भ्रमण पर बुलाने के बावजूद निराशा हाथ लगने पर चीन ने नाराजगी व्यक्त की है।
चीन भ्रमण पर रहे विदेश मंत्री नारायणकाजी श्रेष्ठ के समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के अगले दिन काठमांडू स्थित चीनी दूतावास ने नेपाल के विदेश मंत्रालय को डिप्लोमैटिक नोट भेज कर अपनी नाराजगी व्यक्त की। डिप्लोमैटिक नोट में पोखरा विमानस्थल के निर्माण में बकाया ऋण देने के लिए दबाव बनाया गया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि चीन ने बाकी ऋण तत्काल लौटाने का दबाव बनाया है।
विदेश सचिव सेवा लम्साल ने डिप्लोमैटिक नोट मिलने की बात स्वीकार की है लेकिन उसके विवरण पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। चीन ने स्पष्ट कहा है कि पोखरा विमानस्थल पर दिए गए ऋण के ब्याज में कोई कमी नहीं की जाएगी। नेपाल कई बार ब्याज में कमी करने का आग्रह कर चुका है। इतना ही नहीं, नेपाल सरकार आधिकारिक तौर पर पोखरा विमानस्थल को बीआरआई का प्रोजेक्ट मानने से इनकार करती रही है।