अनिल सिंह(धर्मपथ)– भोपाल के युवा इस समय एक नए नशे की गिरफ्त में हैं वह है मुफ्त इन्टरनेट का नशा.देश के युवा को पंगु बनाने के कुछ नुस्खे भोपाल की सड़कों पर देखे जा सकते हैं,दिमागी और शारीरिक कमजोरी बढाने का यह अनियंत्रित नशा विवेकानन्द के उस स्वप्निल युवा को क्या महसूस कर पायेगा.सत्ता प्रशासन के कुछ निर्णय समाज को खोखला बना देते हैं.
भोपाल की सड़कों के किनारे कुछ अड्डे बन गए हैं जहाँ आपको भोपाल का युवा इस मुफ्त इन्टरनेट नशे की गिरफ्त में मदहोश दिखाई पड़ जाता है.एक इन्टरनेट सेवा प्रदान करने वाली कम्पनी ने अपनी सेवा के कुछ स्थान तय किये है और इन स्थानों पर युवा मुफ्त इन्टरनेट का नशा करते देखे जा सकते हैं.इन्टरनेट कार्य के लिए आवश्यक है लेकिन यहाँ इसका गलत उपयोग ये युवा ज्यादा करते हैं न की अपने कार्य हेतु.
भोपाल के सार्वजनिक और व्यस्त चौराहों पर ये मंजर आसानी से देखा जा सकता है.किसी भी जनप्रतिनिधि या समाजसेवी का ध्यान इस मुद्दे पर नहीं गया है और न ही वे इसे देखना चाहते हैं.