जालंधर: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) गैर-राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के ‘दिल्ली चलो’ आह्वान से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने मंगलवार (4 मार्च) की रात को किसान संघ के नेताओं और किसानों के हित को बढ़ावा देने वाले लोगों से संबंधित लगभग 100 एक्स (पूर्व में ट्विटर) एकाउंट्स पर रोक लगा दी.
पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू, खनौरी और डबवाली सीमाओं पर, एसकेएम गैर-राजनीतिक के जगजीत सिंह दल्लेवाल और केएमएम के सरवन सिंह पंढेर के नेतृत्व में किसान यूनियनें मोदी सरकार के खिलाफ कानूनी रूप से गारंटीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), लखीमपुर खीरी मामले में न्याय और 20 दिनों से अधिक समय से किसानों का कर्ज माफी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
13 फरवरी को किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से यह तीसरी बार है जब केंद्र सरकार ने किसानों और उनके मुद्दे से जुड़े अपडेट देने वाले सोशल मीडिया एकाउंट पर रोक लगा दी है.
इससे पहले भी सरकार ने 12 फरवरी की रात, उनके ‘दिल्ली चलो आह्वान’ से एक दिन पहले किसान यूनियन नेताओं के एक दर्जन से अधिक सोशल मीडिया एकाउंट के साथ-साथ किसान यूनियनों और उनके समर्थकों के आधिकारिक पेजों पर भी रोक लगा दी थी.