भोपाल। हिट एंड रन कानून के विरोध में मध्यप्रदेश में बस ड्राइवर हड़ताल पर हैं। अधिकतर जिलों में बसों के पहिए थमे हुए हैं। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों के स्टैंड से बसें नहीं चल रही हैं। ड्राइवरों ने चक्काजाम की चेतावनी भी दी है। इसके साथ ही ट्रक ड्रायवर्स ने भी रात 2 बजे से ट्रक खड़े कर दिए हैं।
भोपाल से सागर के लिए बस चलाने वाले एक ड्राइवर का कहना है कि मैं अपने साथियों से कहना चाहता हूं कि वे भी इस कानून का विरोध करें। मैंने बस आईएसबीटी पर खड़ी कर दी है। नादरा बस स्टैंड के भी यही हाल हैं। सोमवार को कोई गाड़ी नहीं चलाएगा। हम 10 साल की सजा नहीं भुगत सकते और न ही सात लाख रुपये जुर्माना भर सकते हैं। वहीं, एक ट्रक ड्राइवर का कहना था कि नए कानून के विरोध में ट्रक खड़ा करने जा रहा हूं। सभी ड्राइवर यही कर रहे हैं। हम वैसे भी 10-12 हजार रुपये महीने कमाते हैं। अगर कानून वापस नहीं लिया गया तो अब कोई दूसरा काम करेंगे, क्योंकि घर तो चलाना ही है।
इधर, ट्रक-टैंकरों की हड़ताल के चलते पेट्रोल पंपों पर ईंधन की किल्लत शुरू हो गई है। जैसे ही इसका पता लोगों को लगा, वे पेट्रोल पंपों पर पहुंचने लगे। ऐसे में पेट्रोल पंपों पर गाड़ियों की कतारें लग गईं। बसों और ट्रकों की इस हड़ताल को लेकर ऑल मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस, नई दिल्ली के चेयरमैन सीएल मुकाती का कहना है कि कई स्थानों से सूचनाएं आ रही हैं कि ट्रक ड्राइवर्स अपनी गाड़ियां छोड़कर जा रहे हैं। हमने इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भी लिखा है। इसमें कानून वापस लेने के लिए पुनर्विचार करने की बात लिखी है। अगर सरकार कानून वापस लेने से मना करती है तो हम सब मिलकर आंदोलन के साथ चक्काजाम भी करेंगे।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में 6 लाख से अधिक बस एवं ट्रक चलते हैं। इनसे ड्राइवर-क्लीनर, कंडक्टर समेत 13 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। सिर्फ दो बड़े शहरों भोपाल और इंदौर में ही हजारों लोग इस रोजगार से जुड़े हैं।