रायपुर:यह छत्तीसगढ़ की बेटियां हैं 67वीं राष्ट्रीय शालेय जिम्नास्टिक प्रतियोगिता में भाग लेकर दिल्ली से लौट रही हैं। दरवाजे और टॉयलेट के बीच में बैठकर 17 घंटे का सफर तय किया,सरकार ने 3.21 लाख का बजट दिया था।
भारत में क्रिकेट खिलाड़ियों को कैसी सुविधाएं मिलती है, ये बात किसी से छिपी नहीं हैं। वहीं कई दूसरे खिलाड़ियों को मूलभूत सुविधाओं से जूझना पड़ता है। एक ऐसा ही शर्मनाक मामला छत्तीसगढ़ में सामने आया जब नेशनल जिमास्टिक खिलाड़ियों को कड़ाके की ठंड के बीच ट्रेन की बोगी के टायलेट के पास बैठकर यात्रा करने को मजबूर होना पड़ा।
हम अपनी बेटियों को सुरक्षा और संसाधन देने का दावा जरूर करते हैं लेकिन हकीकत क्या है आज सामने है,देखिये विडिओ….