एथेंस, 1 फरवरी (आईएएनएस)। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने ग्रीस के ऋण में और अधिक छूट देने की संभावना से इंकार कर दिया है, और इसके साथ ही ग्रीस की नई सरकार और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच टकराव की स्थिति बन गई है।
‘द गार्जियन’ में प्रकाशित रपट के मुताबिक, मर्केल के इस बयान से जाहिर तौर पर एथेंस खुश नहीं होगा। क्योंकि ग्रीस की नई सत्तारूढ़ पार्टी ‘सिरीजा’ ने कहा है कि सरकार अपने उन वादों को पूरा करने के पूरे प्रयास करेगी, जिसमें देश के ऊपर 320 अरब यूरो (लगभग 362 अरब डॉलर) ऋण को आधा करवाने और ऋण लेने के बदले देश में अपनाए गए बजट कटौती के कई उपायों को समाप्त करना शामिल था।
एथेंस ने उन ‘त्रिगुट’ ऋणदाताओं के लेखापरीक्षकों के साथ सहयोग करने से इंकार कर दिया है, जिनमें यूरोपीय संघ (ईयू), यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) शामिल हैं। ये तीनों ऋणदाता ग्रीस की अर्थव्यवस्था की निगरानी करते हैं।
ऋणदाता संस्थानों के इस ‘त्रिगुट’ ने ग्रीस को दिए गए ऋणों की निगरानी की है। यह ऋण राशि ग्रीस के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 175 प्रतिशत है।
ग्रीस की नई सरकार अब इन संस्थानों के बदले अन्य ऋणदाता देशों से मिलने की इच्छुक है, क्योंकि वह छूट चाहता है, और मानता है कि यह छूट ग्रीस को वर्षो की खर्च कटौती से उबारने के लिए जरूरी है।
जर्मनी हालांकि इस तरह के एकतरफा कदम का पुरजोर विरोध करेगा। जर्मनी अपने इस रुख पर अटल है कि यूरो जोन के देश ग्रीस को ऋण रोक दें।
जब मर्केल से यह पूछा गया कि क्या ग्रीस के ऋण में और छूट दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि ग्रीस सरकार पहले ही निजी लेनदारों के सहयोग से अरबों यूरो बचा चुकी है। “मुझे ऋण में और छूट की संभावना दिखाई नहीं देती।”
मर्केल ने हालांकि जोर देकर कहा कि जर्मनी अभी भी चाहता है कि ग्रीस यूरोजोन में बना रहे। उन्होंने ‘बर्लिनियर मॉर्गनपोस्ट’ समाचारपत्र से कहा कि यूरोप ग्रीस और अन्य संघर्षरत देशों के प्रति सहानुभूति बनाए रखेगा। “यदि ये देश स्वयं के सुधारों और बचत प्रयत्नों का उत्तरदायित्व लें।”
जर्मनी इस बात को लेकर साफ तौर पर चितित है कि यदि ग्रीस के ऋण में रियायत दी गई तो ईयू के अन्य सदस्य देश भी इसी तरह की मांग करेंगे।